Tuesday 5 January 2016

कर्मचारी नेता ने सुनाया एेसा सपना कि लोग गुस्से से बेकाबू हो गए, जमकर की पिटाई !


भोपाल। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशाें से भी ज्यादा की मांग कर रहे कर्मचारी संगठनों की सभा में एक कर्मचारी नेता की उस समय जमकर पिटाई हो गई, जब उसने रात को उसे आया सपना भरी सभा में सुना दिया। उसे तमाम सरकारी कर्मचारियों ने न केवल पिटा बल्कि कर्मचारी समाज के लिए कलंक करार देते हुए सभा से निष्कासित भी कर दिया।
दरअसल, आज सुबह संयुक्त कर्मचारी संगठनों की जैसे ही सभा शुरू हुई, कर्मचारी नेता रघुवीर रामदुहाई ने गलती से सातवें वेतनमान को लेकर एक रात पहले उसे आए अपने सपने का जिक्र छेड़ दिया। सभी उससे अपना सपना सुनाने की मांग करने लगे। उसने लाख मना किया, लेकिन लोग नहीं माने।
तब उसने अपना सपना इस तरह से सुनाया- “मित्रो, कल की रात मैंने एक सपना देखा। शुरुआत अच्छी हुई। सरकार ने हमें सातवें वेतनमान से भी बढ़कर वेतन दिया है।” उपस्थित लोगों ने तालियां बजाई।
फिर वह आगे बोला, “लेकिन इसके बाद का दृश्य बहुत ही भयावह था। मैंने देखा कि हम सब कर्मचारी नया वेतन मिलने के बाद टाइम पर ऑफिस पहुंचने लगे हैं। अब हम नौकरी नहीं, काम कर रहे हैं। हममें से कोई भी शाम के साढ़े पांच बजे का इंतजार नहीं कर रहा है। काम पूरा होने के बाद ही ऑफिस से उठ रहा है, भले ही रात के आठ ही क्यों न बज जाए। अब किसी को छुटि्टयों की चिंता नहीं है। हम सबको केवल आम जनता के लिए काम करने की चिंता है। हम सब कर्मचारी आपस में चर्चा करते रहते हैं कि सरकार ने हमें अपने काम से ज्यादा पैसा दिया है। इसलिए अपना काम करना हमारा परम दायित्व है।”
सपने को सुनते ही सभा में बैठे लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंचने लगा। कई लोग मंच पर पहुंचकर रामदुहाई के साथ झूमाझटकी करने लगे। लेकिन रामदुहाई ने कहा कि सपने की सबसे खतरनाक बात तो मैंने सुनाई ही नहीं। वह यह कि हम सबने रिश्वत लेना भी छोड़ दिया। रामदुहाई के इतना कहते ही सब लोग उस पर टूट पड़े। उसे मार-मारकर सभा से बाहर निकाल दिया गया।
बाद में सभा की अध्यक्षता कर रहे कर्मचारी नेता ने रामदुहाई की कही गई सारी बातों को ‘null and void’ घोषित करते हुए सभा की कार्यवाही से विलोपित करवा दिया। सभा ने इस पर आश्चर्य जताया कि एक सरकारी कर्मचारी को आखिर इतना खराब स्वप्न आ भी कैसे सकता है।
 रामदुहाई ने भी इस बात पर अफसोस जताया कि एक कर्मचारी होने के बावजूद उसे ऐसा दु:स्वप्न नहीं देखना चाहिए था। उसने कहा- “हे भगवान, ऐसा सपना दिखाने से पहले मुझे रिश्वत लेने के आरोप में तुने सस्पेंड क्यों नहीं करवा दिया।”

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