Wednesday 25 February 2015

POWER SHARE DEAL BETWEEN PDP AND BJP IN JAMMU AND KASHMIR !
So,finally suspense and holier than thou posturing is over.Stage is well set for the release of much publicized movie-"POWER KAY LEYEE KUCCH BEE KARAY GHA."
Whip has been issued to all bhakta's not to comment about erstwhile contentious issues.Highly placed sources have disclosed that since both Bap and Beti have  been purified by divine Gangotri,any comment/debate/discourse by non bhakta's                          on otherwise contentious issues shall amount to political blasphemy. The vehement issues have been listed as under :-
# Role of Mufti Saeed and his political outfit in orchestrating nightmarish outrage against minorities in District Anantnag well before mass migration.
# Mysterious aspects of least publicized Rubia Saeed kidnapping .and its subsequent aftermath.
# Regional imbalance and hegemony.
# Dynastic Bap Beti polity.
# Intimate political relationship between Peoples Democratic party and Pak sponsored Hurriyat outfit.
# Dilution or strengthening of article 370.
# Armed Forces Special Powers act of 1958 [AFSPA] in its totality.
# Resettlement and citizenship for west Pakistan refugees though they will continue to hold the status of 'dear guests' without changing the demographic status of the state.
# Return and resettlement of Kashmiri Pandits in Kashmir valley .
# Freeing land under security forces.
# Normalization of ties with Pakistan despite Pak sponsored terrorism.

Saturday 14 February 2015

सात वार सात व्रत कथाएं, अंधविश्वास की प्रेरक पोषक !
वास्तव में यह कथाएं भक्तों में अंधविश्वास को बढाती हैं.कर्मक्षत्र में कूदने की अपेक्षा अकर्मण्यता को प्रेरित करते हुए पलायनवादी होकर जीने की प्रेरणा देती है.
"वेद प्राग" ने जिस कन्या का पालन पोषण किया वह कन्या पूर्व जन्म में मंगलवार की पूजा व व्रत करने के कारण अगले जन्म में सोने की खान सिद्ध हुई तथा उस के अंगों से सोना निकलता था.इसी प्रकार "रविवार व्रत कथा" के अनुसार भगवान द्वारा भेंट में दी गई गाय सोने का गोबर करती है. हमारे देश में लाखों की संख्या में लोग मंगलवार तथा रविवार का व्रत भी रखते हैं और सम्बन्धित कथा भी सुनते सुनाते हैं परन्तु आजतक ऐसी कोई भी नारी या पुरूष देखने में नहीं आया जिस के अंगों से सोना निकलता हो,कोई ऐसी गाय देखने में नहीं आई जो सोने का गोबर करती हो.
यह सभी कथाएं मात्र कहानियां हैं और इन को सुनने पढने भर से कैसे किसी दुखी का दुख दूर हो सकता है ?कैसे कोई निर्धन धनवान हो सकता है ?बांझ स्त्री कैसे सन्तान प्राप्त कर सकती है ?कैसे कोई रोगी रोग मुक्त हो सकता है? जन्म से लूला लंगड़ा कैसे चलफिर सकता है?सामाजिक तथा पारवारिक स्तर पर ढेर सारी अन्य समस्याओं के समाधान में इन कथाओं का किसी भी प्रकार का योगदान सम्भव नहीं हो सकता.इस सारे पाखण्ड़ का लाभ केवल और केवल परजीवी ब्राह्मणों को मिलता है जिन के पूर्वजों ने अपनी आने वाली सन्तानों के मुफ्त में पालन पोषण के लिए इन कथाओं को लिखकर व्रत परम्पराओं का अंधविश्वास स्थापित किया. और २१वीं शताब्दी में भी यह तर्कहीन अवैज्ञानिक क्रम जारी है !

Tuesday 10 February 2015

SARCASTIC POLITICAL SATIRE;
WE WERE RIGHT IN SAYING-EXIT POLL FIGURES WOULD BE PROVED WRONG,WE PERFORMED MUCH WORSE :BJP.
New Delhi. Even after suffering a humiliating defeat at the hands of AAP in Delhi elections today, BJP which has been routed in the city, has claimed a moral victory in the elections outcome.
BJP who had rejected all Exit Poll and Opinion Poll figures pointed how they were indeed correct when they predicted that those numbers would be proved wrong.
“We stand vindicated. You mocked us when we dismissed the exit poll figures. But we were indeed right. As it has turned out, we have performed much worse than what exit polls had predicted,” said BJP leaders Shahnawaz Hussain.
“Not a single Exit Poll could predict we would not even win 5 seats. This is really a tight slap on the face of all those pollsters. They are indeed bazaroo as Modi ji rightly said,” he added as he blasted all Exit Polls agencies.
BJP further pointed to how even their CM candidate Kiran Bedi turned out to be a better psephologist than all Exit poll agencies.
“Bedi ji knew she was going to lose hence she said that she would debate Kejriwal only on the floor of the house, as she is well aware that seats in Vidhan Sabha are reserved only for winning MLAs,” BJP spokesperson Sambit Patra pointed how astute a leader Kiran Bedi is.
Meanwhile some leaders of BJP still remained confident of forming government in Delhi despite losing the elections.
“We may have lost today in the numbers floated by Election Commission of India. But as per the feedback we have got from our workers and volunteers on the ground, we are confident of a comfortable victory. Like Exit Polls, ECI too would be proved wrong, you just watch out,” said BJP Delhi president Satish Upadhyay as he geared up for Bedi’s swearing up ceremony on 14th February.

Saturday 7 February 2015

मीठामीठा हड़प,कड़वा कड़वा थू !
आजकल समस्त भगवा ब्रिगेड़ प्राचीन हिन्दू संस्कृति तथा सभ्यता का गुण गान करने में ज़मीन आसमान एक कर रहा है और उस तथाकथित संस्कृति को मानवतावादी परिभाषित कर रहे हैं!
यदि आप की संस्कृति सारी की सारी मानवतावादी है,तो फिर शूद्रों के कानों में सीसा व लाख ड़ालने वाले,एकलव्य का अंगूठा काटने वाले,शंबूक की हत्या करने वाले,नियोग रूपी पशुधर्म को व्यवहार में लाने वाले,जीवित पत्नी को पति के शव के साथ जलाने वाले किस "संस्कृति" के प्रतिनिधि हैं?यदि आप की संस्कृति राम को जन्म देती है ता रावण किस संस्कृति की उपज है?यदि पांड़व आप की संस्कृति के प्रतिनिधि हैं तो कौरव किस संस्कृति की देन है ?द्रौपदी के पांच पतियों वाली संस्कृति किस की है?जूए में पत्नी का दांव लगाने वाले किस संस्कृति के हैं?पितामह (भीष्म) को मारने वाले और गुरू द्रोणाचार्य के कातिल किस संस्कृति के हैं? सुभद्रा को निकाल कर ले भगाने वाला अर्जुन किस संस्कृति की उपज है?बड़े भाई के शत्रु से मिल कर उसे मरवाने वाला और अपने देश से द्रोह करने वाला विभीषण किस संस्कृति का है ?बड़े भाई बाली को राम के हाथों मरवाने वाला तथा माता समान कही गई बड़े भाई की पत्नी को अपनी पत्नी बनाने वाला सुग्रीव किस संस्कृति की पैदाइश है ?अग्नि परीक्षा में उतीर्ण पत्नी को बहाना बनाकर त्यागने वालों की कौन सी संस्कृति है?भ्रष्ट नियोग प्रथा से जन्मे धतराष्ट्र,पाँडू और विदुर तथा युदिष्टर,भीम,अर्जुन,नुकुल,सहदेव कौन सी नैतिक संस्कृति के पर्यायवाची हैं?अनब्याही मां कुंती और पांच पतियों की सांझी पत्नी द्रौपदी - यह किस संस्कृति को दर्शाते हैं ?अपने ही गुरू की पत्नी तारा का अपहरण करने वाला चन्द्र देव कौन सी नैतिकता का प्रतीक है?कृष्ण का रूक्मिणी तथा राधा का अपहरण,ब्रह्मचारी भीष्म पितामह का काशी राज की तीन बेटियों का अपहरण कौन सी नैतिकता का मापदण्ड स्थापित करता है ?
गरीबी की रेखा के नीचे तथा आस पास रहने वाली जन्ता के लिए शुभ समाचार !
गरीब जन्ता के आर्थिक उत्थान तथा नई क्रान्तिकारी सरकारी योजना मेक इन इण्डिया (make in India) को सफलतापूर्वक क्रियान्वित करने के लिए ,सरकार ने पिछले वर्ष २८ जुलाई को महान हिन्दू वैज्ञानिक दीना नाथ बत्रा की अध्यक्षता में उच्च अधिकार वाली कमेठी का गठन किया था जिस के अन्य सदस्यों में ड़ा. परवीन तगोडिया,ड़ा.सुब्रामेन्यन स्वामी, अशोक सिंघल,साधवी उमा भारती, साक्षी महराज,बाबा रामदेव के नाम उल्लेखनीय हैं.यूँ तो इस कमेटी ने एक वर्ष के अन्तराल में अपनी रिपोर्ट सरकार को प्रस्तुत करनी है,परन्तु कमेटी ने अपनी प्राथमिक रिपोर्ट आर्थिक मन्त्रालय को सौंप दी है जिस में पूरे देश में आर्थिक सम्पन्नता के लिए पाँच सूत्री कार्यक्रम की सिफारिश की गई है जिसे कैबनिट ने स्वीकार कर लिया है.इन पाँच सूत्री कार्यक्रम की रूपरेखा यूँ है:-
# प्रत्येक नागरिक के लिए अन्वार्य होगा कि भोजन से पूर्व वह गौ माता को रोटी खिलाए गा,जिस से लक्ष्मी सहित सभी देवी देवता प्रसन्न होंगे.
# प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य होगा कि वह प्रातः पक्षियों को सतनाजा,बाजरा तथा रोटी खिलाए जिस का आर्थिक वैभव से गहरा सम्बन्ध है.
# प्रति दिन कुत्तों की सेवा अन्वार्य होगी जिस के फलःस्वरूप शनि देवता के साथ साथ राहु केतू भी प्रसन्न होंगे.
# चींटियों को शकर मिला आटा खिलाना होगा जिस के फलःस्वरूप न केवल कर्ज़ से मुक्ति मिलेगी वरन लक्ष्मी भी प्रसन्न होगी.
# मछलियों को आटे की गोलियाँ खिलाना अन्वार्य होगा जिस के फलःस्वरूप पूर्वजों की धनदौलत प्राप्त होगी.
कमेटी ने एक अन्य सुझाव में सिफारिश की है कि वित मन्त्रालय लक्ष्मी यन्त्र,कुबेर यन्त्र,हनुमान यन्त्र बनाने वालों को ९० प्रतिशत सब्सड़ी देकर उन सभी अध्यात्मिक माध्यमों को घर घर पुहँचाने में सहायता करे.
(हास्य न्यूज़ सेवा).

Sunday 1 February 2015

परजीवी ब्राह्मणों के सुख साधन का पर्व श्राद्ध पक्ष !
यदि अपने पूर्वजों की याद में खिलाना पिलाना दान देना आवश्यक है तो केवल आशिवन महीने में १५ दिन ही इस के लिए निश्चित क्यों ?वह भी केवल ब्राह्मणों को ही क्यों दिया जाए?दान भूखे नंगे लंगड़ेलूले उपाहिज गरीब व्यक्तियों को दिया जाये चाहे वह किसी देशजाति के हों- वह इस के अधिकारी क्यों नहीं ?
कुछ जिज्ञासा कुछ प्रश्न ???
# यदि पितर नाम शरीर का है तो शरीर को जलाने के पश्चात वह हमारा पितर कैसे रहा ?
# यदि केवल आत्मा का ही नाम पितर है तो आत्मा न कभी जन्मती है न मरती है और न किसी का पुत्र पितादि बनती है.
# यदि शरीर सहित आत्मा का नाम पितर है तो शरीर छूटने के बाद हमारे पितर ही नहीं रहे.शरीर नाश हो जाने पर पितृधर्म कहां रहता है ?जब पितृधर्म नहीं तो पितृ श्राद्ध कैसा और क्यों.
# श्राद में पितर सशरीर आते हैं या बिना शरीर ?
# यदि सशरीर आते हैं तो फिर ब्राह्मणों को क्षीरपूरी हलवा आदि खिलाने की क्या अवश्यकता है ?पितर तो खाते नहीं देख कर ही तृप्त होते हैं.
# क्या इन ब्राहम्णों को यह पता होता है कि मृतक पितर की आत्मा इस समय कहाँ है जिस से भोजन व अन्य वस्तुऐं उन के पास पुहंचा सकें?
# क्या देवलोक,स्वर्गलोक ,विष्णुलोक आदि में अन्न जल वस्त्र की कमी है?शेष ३५० दिनों के लिए पितरों की क्या भोजन व्यवस्था है ?
# कर्मानुसार यदि पितर निकृष्ट योनि पशुपक्षी कीडेमकोड़े
को प्राप्त हुए हैं तो क्या वह क्षीरपूरी हलवा आदि उन को मांस घास या मल के रूप में प्राप्त होगा?
# कौओं और पितरों का क्या सम्बन्ध है जो श्राद पक्ष में उन्हें विशेष रूप से भोजन दिया जाता है ?