Thursday 29 October 2015

FEW MORE "CONGRESS STOOGES" AND "CONSPIRATORS OF MANUFACTURED CRISIS".
Eminent scientist and Bharat Ratna awardee CNR Rao threw his weight behind a list of writers, artists and scientists protesting growing intolerance in India as more than 50 historians spoke out on Thursday against Prime Minister Narendra Modi’s so-called silence on the “highly vitiated atmosphere” in the country.
The historians joined the chorus of protest after acclaimed microbiologist PM Bhargava decided to return his Padma Bhushan and sought a ban on the RSS, the BJP’s ideological mentor.
“It’s a general feeling among the people that there is growing intolerance in society. It’s not only about the scientific community but many intelligent people have protested … There are authors, historians,” Rao, former scientific advisor to the prime minister, told HT on the phone from Bengaluru.
More than 100 distinguished scientists have denounced what they perceive as a climate of intolerance in India in the wake of the killing of rationalist leaders and the brutal lynching of a Muslim blacksmith in Uttar Pradesh over mere rumours of beef consumption.

Monday 26 October 2015

व्यंग्य :
21वीं शताब्दी में प्राचीन अदभुत विज्ञान की प्रासंगिकता !
जब से दीनानाथ बत्रा और बाबा रामदेव की प्रेरणा से मोदी जी, विश्व स्तर पर, प्राचीन भारतीय विज्ञान के ब्रेंड़ एम्बेस्ड़र बने हैं -पूरे विश्व में भारतीय विज्ञान की गौरवशाली परम्पराओं और ठोस असाधारण उपलब्धियों की चर्चा चारों दिशाओं में गूंज रही है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (world health organisation )ने इस चर्चा का संज्ञान लेते हुए ,डा. रिचर्ड़सन के नेतृत्व में पांच शीर्षस्थ वैज्ञानिकों का प्रतिनिधि मंडल भारत भेजा है जो 111 दिनों में निम्न विषयों का गहन अध्ययन करेगा :-
# कलश (घड़े) से महाॠषि अगस्त्य और वसिष्ठ का जन्म. (संदर्भ ऋग्वेद 7/33/11-13).
# कार्तिकेय का गंगा नदी से जन्म, (संदर्भ वाल्मीकि रामायण 1/37/12,14-15,17-18,21-23).
# राजा सगर की पत्नी सुमति द्वारा 60,000 पुत्रों का जन्म. (संदर्भ वाल्मीकि रामायण 1/38/17-18).
# मनु की नाक से बच्चे का जन्म.(संदर्भ विष्णु पुराण 4/2/11).
# गोद में गिरे वीर्य से असंख्य ब्रह्मचारियों का जन्म. (संदर्भ, शिवपुराण, ज्ञानसंहिता 18).
# गिरे वीर्य से हज़ार वर्ष बाद बच्चे का जन्म. (संदर्भ, ब्रह्मावैवर्तपुराण, ब्रह्मखण्ड, 4/23-24).
# लकड़ी से पुत्र का जन्म. (संदर्भ, देवीभागवतपुराण, 1/14/4-8).
# दोने से द्रोणाचार्य का जन्म. (संदर्भ, महाभारत, आदिपर्व, 129/33-38).
# सरकंड़े से कृपाचार्य का जन्म. (संदर्भ, महाभारत, आदिपर्व 129/6-20).
# पुरुष की कोख से पुत्र का जन्म. (संदर्भ, भागवतपुराण, 9/6/26-31).
# जंघाओं और भुजाओं से बच्चों का जन्म. (संदर्भ, भागवतपुराण, 4/14/43-45,4/15/1-5).
# गौमाता से मानव शिशु का जन्म. (संदर्भ, पद्मपुराण, उत्तराखंड, 4/62-65).
# मांस के लोथड़े से 101बच्चों का जन्म. (महाभारत, आदिपर्व, 114/9-13,18-22,40-41).
# अग्नि से दो बच्चों का जन्म. (संदर्भ, महाभारत, आदिपर्व, 166/39,44).
# मछली के पेट से मानव का जन्म. (संदर्भ, महाभारत, 63/64,49-50,59-61,67-68).
# खीर से गर्भवती होकर दशरथ की पत्नियों द्वारा चार पुत्रों का जन्म. (संदर्भ, वाल्मीकि रामायण, बालकांड़, 16/11/15-20,30).
* विश्वस्त सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि गहन अध्ययन के बाद पांच में से चार वैज्ञानिक मानसिक सन्तुलन खो बैठे हैं और वह आगरा के मेंटल हास्पिटल में चिकित्सा लाभ प्राप्त कर रहे हैं.

Sunday 25 October 2015

PATRONIZED CULTURE OF INTOLERANCE !
From Ayodhya (1990-1992) to post-Godhra riots (2002) to Dadri (September 2015), the Parivar has launched every movement around the single goal of making India a Hindu state. The strategy to achieve this goal is to move forward step by step and launch a “single issue” movement and wait for the “second movement”. The situation is qualitatively different in 2015 because the state power is in the hands of RSS  swayamsevaks, whether  it is the Prime Minister or chief ministers or the government or heads of autonomous institutions. It is clearly visible that in the present context, “Hindu rashtravadis”, the RSS and its affiliates are free to target minorities because of the protection they are enjoying. Not only this, dissenters, however eminent, are coerced to silence by the witch-hunt launched by the RSS and ministers, as shown by Arun Jaitley’s comment on October 15 that “resignations are on the basis of a manufactured crisis by the awardees of the Sahitya Akademi”. 

Saturday 24 October 2015

तुम कुत्ते के बच्चे, हम गाय के बच्चे' !

विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह ने हरियाणा में दलित परिवार को जिंदा जलाए जाने पर कहा है कि सरकार इसमें कुछ नहीं कर सकती। अगर कोई कुत्ते को पत्थर मारे तो भला उसमें सरकार का क्या करे? वीके सिंह साहब ने बिल्कुल सही कहा है। कुत्तों और उनके बच्चों के लिए भला सरकार को क्यों परेशान करना। वीके सिंह से कुछ समय पहले संस्कृति मंत्री महेश शर्मा ने भी लेखकों की हत्या और दादरी कांड का विरोध कर रहे लेखकों से कहा था कि सरकार इसमें कुछ नहीं कर सकती, लेखकों को परेशानी है तो वे लिखना छोड़ दें।
इन सबसे पहले 2013 में देश का प्रधानमंत्री बनने से पहले नरेंद्र मोदी ने पहली बार गुजरात के 2002 के दंगों के बारे में दुख जाहिर किया था। उन्होंने कहा था कि अगर कुत्ते का पिल्ला भी गाड़ी के नीचे आ जाए तो दुख होता है। इसके बाद मोदी बहुमत से चुनकर केंद्र में आए थे। मोदी सरकार के मंत्रियों को लोगों को कुत्ता बताने की प्रेरणा शायद उन्हीं से मिली है। पीएम मोदी और उनकी सरकार का ध्यान तो गाय और उनके बच्चों पर है। गाय और उनके बच्चे यानी सवर्ण। कुत्ते और उनके पिल्ले यानी दलित, मुस्लिम और आदिवासी आदि। इसी वजह से ब्राह्मणवादी संगठन आरएसएस ने आरक्षण की समीक्षा की बात कहकर सवर्ण हिंदुओं की दुखती रग को सहलाने की कोशिश भी की थी, हालांकि उसने ये अजेंडा फौरी तौर पर मुल्तवी कर दिया है। 

Tuesday 20 October 2015

* 2 अगस्त 2014 को भाजपा सांसद विजय गोयल ने कहा, ‘‘दिल्ली की समस्याएं सुलझाने के लिए बिहार, यू.पी. से हर साल रोजगार के लिए यहां आने वाले 6 लाख प्रवासियों के प्रवाह पर रोक लगाने की जरूरत है।’’
 
* 17 सितम्बर 2014 को सांसद हेमामालिनी ने वृंदावन की विधवाओं बारे शर्मनाक टिप्पणी की ‘‘इनके पास बढिय़ा बैंक बैलेंस है, अच्छी आय है, बढिय़ा बिस्तर हैं पर आदतन भीख मांगती हैं।’’
 
* 1 दिसम्बर 2014 को केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा, ‘‘मतदाताओं को ‘रामजादों’ और ‘ह...मजादों’ में से चुनना है। आपको तय करना होगा कि दिल्ली में सरकार ‘रामजादों’ की बनेगी या ‘ह....मजादों’ की।’’
 
* 7 जनवरी 2015 को सांसद साक्षी महाराज ने कहा, ‘‘धर्म बचाने के लिए हिन्दू महिलाओं को कम से कम 4 बच्चे पैदा करने चाहिएं।’’
 
* 19 जनवरी 2015 को बद्रिकाश्रम के शंकराचार्य श्री वसुदेवानंद सरस्वती ने कहा, ‘‘हर हिन्दू कम से कम 10 बच्चे पैदा करे।’’ 
 
* 4 अप्रैल 2015 को विहिप के अंतर्राष्ट्रीय महासचिव चम्पत राय ने कहा, ‘‘हिन्दू सिर्फ एक बच्चा पैदा करने की सोच छोड़ दें। इससे मुसलमानों की संख्या बढ़ जाएगी व देश पर उनका कब्जा हो जाएगा।’’
 
* 5 अप्रैल को विहिप के अंतर्राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष डा. प्रवीण तोगडिय़ा ने कहा, ‘‘मुसलमानों की बढ़ती संख्या खतरा बन सकती है।’’ उनका ऐसा ही दूसरा बयान था कि ‘‘हम कुछ रोगों के कारण बच्चे पैदा करने में असमर्थ हिन्दू परिवारों का इलाज करवाकर उन्हें 4 बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे।’’
 
* 19 जून 2015 को भाजपा सांसद अश्विनी चौबे ने सोनिया गांधी को इटली की गुडिय़ा, जहर की पुडिय़ा, पूतना और राहुल गांधी को विदेशी गर्भ से पैदा तोता कहा। उन्होंने लालू और नीतीश को ‘बिहार के राक्षस’ बताया। 
 
* 25 जुलाई 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक जनसभा में कहा, ‘‘नीतीश कुमार के डी.एन.ए. में ही कुछ गड़बड़ है इसलिए उन्होंने उन दोस्तों को दगा दे दिया जो उनके साथ काम कर रहे थे।’’
 
* 1 अक्तूबर 2015 को केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा ने कहा ‘‘दादरी में गौमांस की अफवाह पर हुई हत्या एक दुर्घटना मात्र है।’’
 
* 4 अक्तूबर 2015 को विधायक संगीत सोम बोले, ‘‘यदि दादरी कांड में निर्दोषों को फंसाया गया तो उसका माकूल जवाब दिया जाएगा।’’
 
* 16 अक्तूबर 2015 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा, ‘‘मुसलमान इस देश में रह सकते हैं पर उन्हें बीफ खाना छोडऩा होगा।’’
 
* 18 अक्तूबर 2015 को साक्षी महाराज ने कहा, ‘‘ देश में कड़ा कानून होना चाहिए ताकि गौवध के जिम्मेदार लोगों को फांसी पर चढ़ाया जा सके और धर्म परिवर्तन करवाने वालों को फांसी दी जा सके।’’
 

Tuesday 13 October 2015

भक्त पुराण


हिंदुस्तान में तीन प्रकार के भक्त बकसरत पाये जाते हैं, अगर हम इनका अवलोकन करें तो इन्हें तीन निम्नलिखित श्रेणियों में बाँट सकते हैं...
इनमे पहली श्रेणी में धार्मिक भक्त आते हैं— हिंदुस्तान, आँख बंद करके धर्म के पीछे भागने वाले देशों में से एक है और यहाँ यूँ तो कई धर्म के लोग रहते हैं पर मुख्य रूप से हिन्दू और मुसलमान भक्त अपनी संख्या बल पर बाकी सभी को नगण्य किये हैं। कई मंदिरों-मस्जिदों, मज़ारों, धार्मिक यात्राओं, जुलूसों आदि में ये भीड़ के रूप में मिलते हैं, बाकी सामान्य जनजीवन में ये आपको हर तरफ मिल जायेंगे। माथे पर तिलक टोपी, गले में धार्मिक लॉकेट, ताबीज़, बाहों पर बाजूबंद, गंडे, कलाई पर कलेवा, काले धागे इत्यादि इनकी पहचान होती है। यह अपनी ही दुनिया में मगन रहते हैं, इनकी एक ही कमी है कि यह खुद को श्रेष्ठ और दूसरे सभी धर्मों को तुच्छ समझते हैं।
दूसरे नंबर पर तैंतीस करोड़ एक्वें देवता भगवान नरेंद्र मोदी के फॉलोवर्स आते हैं, जिन्हे सामान्य भाषा में मोदी भक्त, या संक्षिप्त रूप से भक्त कहा जाता है। 2014 में एकाएक यह भक्ति का संक्रमण इतनी तेज़ी से फैला था कि संख्या करोड़ों में जा पहुंची थी, जो अब धीरे धीरे तेज़ी से कम हो रही है। यह वे अंधविश्वास के मारे लोग हैं जो सिर्फ भक्ति के आधार पर मोदी की हर गलती, हर गलत फैसले को न सिर्फ आत्मसात कर लेते हैं, बल्कि बेहद आक्रामक रूप से उसे डिफेंड करते हैं। इनकी मुख्य पहचान यह होती है कि इनसे आप सिंपल से तार्किक सवाल पूछें कि काला धन  लाने का वादा किया—डेढ़ साल में कई गुना ज्यादा बाहर चला गया... क्यों? महंगाई कम करने का वादा किया—दाल सब्ज़ियों के भाव आसमान छू गए.. क्यों? भ्रष्टाचार मिटाने का वादा किया—खुद की कई राज्य सरकारों पर कई घोटालों के आरोप लग गए... कैसे? देश की तरक़्क़ी की बात की, पर डेढ़ साल में इतने साम्प्रदायिक दंगे हो गए कि समाज ही टूट गया... ये कैसे अच्छे दिन? तो रियल भक्त आपको कुछ यूँ जवाब देगा... तू कांग्रेस का पिट्ठू है... ढोंगी सेकुलर है... तू मुल्ला है, या मुल्लों का एजेंट है साले... तुझे पाकिस्तान फंड देता हैं न मोदी जी बदनाम करने के लिए... तू एंटी-नेशनलिस्ट है... तू टेररिस्ट है... तेरी माँ की … तेरी बहन की .... भक्तों के संस्कार निराले :P
तीसरे नंबर पर वो आते हैं जो अभी तो थोड़े हैं पर जिस हिसाब से लोग संक्रमित हो रहे हैं, इनकी तादाद बढ़ते देर नहीं लगेगी। मुसलामानों के राजनीतिक सामाजिक मार्किट में नए नए उद्धारक आये हैं—ओवैसी बंधू (जिन्हे अभी रहमतुल्ला अलैय, या रज़ि अल्लाह ताला अन्हु कहना भर बाकी है भक्तों के लिए)... वे मुसलामानों से पूछते हैं कि साठ साल में कांग्रेस ने आपके लिए क्या किया—जैसे अगले ही आम चुनाव में वो सरकार बन जायेंगे और मुसलमानों को चाँद पर बिठा कर रख देंगे। भाई, साठ नहीं सिर्फ पच्चीस-तीस साल ही पीछे ही चले जाओ और देखो देश में कितनी गरीबी थी... खुद नहीं पता तो बाप दादा से पूछो... जयादातर कच्चे घर होते थे, लोग पदयात्राएं ज्यादा करते थे, किसी किसी के पास साइकिल होती थी और शान की सवारी राजदूत या बुलेट तो बस किसी किसी अमीर के पास ही होती थी... मोहल्ले में किसी किसी के घर शटर वाला ब्लैक एंड व्हाइट टीवी होती थी, जहाँ पूरे मोहल्ले के लोग महाभारत, रामायण, टीपू सुलतान देखते थे, फ्रिज का अत पता नहीं था, पूरे गावं या पूरे मोहल्ले में एक टेलीफोन होता था और कार एसी  तो उस ज़माने के अम्बानियों अडानियों के पास होती थी... फिर ज़रा आज के दौर में वापस लौट के आओ और आसपास नज़र डालो... कलर टीवी, कंप्यूटर, कूलर, ऐसी, फ्रिज, जैसे सामानो से लैस पक्के मकान, हर तरफ दिखेंगे... हर घर में दोपहिया, चार पहिया वाहन और हर हाथ में फोन... और कितनी तरक़्क़ी चाहिए? जितना विकास बाकी देश का हुआ उतना ही आपका भी—फिर अलग से क्यों शिकायत? क्या चाहते थे आप—कांग्रेस वाले आपके घर आके आपके मुंह में खाना डालते? आज आप सरकारी नौकरियों में नहीं तो इसके ज़िम्मेदार आप खुद हैं। आपको भी तो आरक्षण मिला हुआ है ओबीसी कोटे में... अगर आरक्षण के सहारे दलित पिछड़े सरकारी नौकरियों में अपनी संख्या बढ़ा सकते हैं तो आप क्यों नहीं? क्या चाहते थे—कांग्रेस बिना पढ़े लिखे आपको देश के 80 प्रतिशत हिन्दुओं की अनदेखी करके सरकारी नौकरियों से नवाज़ देती?

अभी ओवैसी भक्त मोदी भक्तों की तरह मर्यादा रहित आक्रामक नहीं हुए हैं, पर उम्मीद है बदलती फ़िज़ा में वह भी वही रुख अख्तियार करेंगे और आपके उपरोक्त सवालों के पूछने पर वो भी आपको RSS का एजेंट, सुवर, मुशरिक, काफ़िर और क़ौम का गद्दार घोषित करने से पीछे नहीं हटेंगे।.    

Wednesday 7 October 2015


What PM Modi is not responsible for- List

Ministry has issued a list of things PM modi is not NOT responsible so that Sikulars can stop criticising him
  1. Any Communal violence that happens in a state
  2. Any farmer suicide that happens in a state
  3. Any incursions by pakistan or china
  4. Any financial fraud that happens in a state
  5. Any crime committed by BJP MP
  6. Any crime committed by a Minister
  7. Any promotion or reward given to a minister accused of any kind of crime
  8. Any communal statement by any BJP leader including MPs MLAs or ministers
  9. Any economic mess that is in anyway linked with any other countries actions or global economic climate
  10. Any crime that modi did not do directly with his own hands
What is Modi responsible for?
  1. Any increase in FDI irrespective of it being due to india being an already favorable destination or actual work
  2. Any MOU irrespective of it leading to actual investment
  3. Crowds at PM speeches
  4. Any good work done by any MP , MLA , BJP leader or any leader of any party or state
  5. Fall in global crude oil prices irrespective of if the saving is passed down to consumers or not
  6. Any kind of rise in anything from GDP or FDI to income (only absolute increase not the growth )
  7. Making sure he gets a good picture
  8. Any good thing that happens in the country
It is to be noted that PM will also not be expected to condemn or issue statements about anything that he is not responsible for , hence the country is advised to not expect the same. [Farzi news].

Tuesday 6 October 2015

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 32 नवम्बर से 40 नवंबर तक के मंगल ग्रह के दौरे पर जा रहे हैं। वे वहां एलियन्स के राजा श्री अजबउ विकेतोवब से भारत में निवेश करने की सम्भावनाओं पर बात करेंगे। इसके साथ ही वे 2 दिन के चाँद दौरे पर भी जाएंगे।
मंगल ही मंगल
मंगल ही मंगल
एक संवाददाता सम्मेलन में पीएमओ के प्रवक्ता श्री ए०पी० शाह ने फ़ेकिंग न्यूज़ के सवाल का जवाब देते हुए बताया कि पीएम मोदी मंगल ग्रह के निवेशकों को ‘मेक इन इंडिया’ का मतलब समझाते हुए उन्हें भारत आकर स्पेस-शिप बनाने का न्योता देंगे। शाह ने यह भी बताया की मोदी वहां जाकर सयुंक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता पर समर्थन भी मांगेंगे।
इससे पहले पीएम ने ट्वीट कर जानकारी दी थी कि वे दुनिया के प्रथम व्यक्ति होंगे जो मंगल ग्रह का दौरा करेंगे। इसरो ने इसकी पूरी तैयारी कर ली है।

Monday 5 October 2015

श्राद्ध पखवाड़े के अवसर पर, 
चार्वाक दर्शन का तर्कसंगत दृष्टिकोण !
# न स्वर्गो नापवर्गो वा नैवात्मा पारलौकिकः, 
नैव वर्णाश्रमादीनां क्रियाश्च फलदायिकाः. 
अर्थात न कोई स्वर्ग है न कोई मोक्ष है और न ही कोई परलोक में जाने वाली आत्मा ही है. न ब्राह्मण आदि चार वर्ण वाली मानसिकता और ब्रह्मचर्य गृहस्थ आदि आश्रम के धर्मों का पालन का किसी परलोक से कोई फल मिलता है. 
* यहाँ चार्वाकों ने घृणित जातिवाद को खुली चुनौती दी है.
# पशुश्चेन्निहतः स्वर्गं ज्योतिष्टोमे गमिष्यति,
स्वपिता यजमानेन तत्र कस्मान्न हन्यते?
अर्थात धर्मशास्त्रों में कही गई यज्ञविधियों के अनुसार यज्ञ में मारा गया पशु यदि स्वर्ग को जाता है तो यज्ञ करने वाला व्यक्ति अपने बाप को ही यज्ञ में मारकर उसे अनायास स्वर्ग में क्यों नहीं पहुंचा देता ?
# मृतानामपि जन्तूनां श्राद्धं चेत्तृप्तिकारणम्,
गच्छतामिह जन्तूनां व्यर्थं पाथेयकल्पणम्.
अर्थात घर पर किए श्राद्ध से यदि परलोक के यात्री को एवं स्वर्गलोक के पथिक को तृप्ति व संतुष्टि होती है, फिर तो घर से निकले व्यक्ति को रास्ते के लिए भोजन आदि की व्यवस्था करना व्यर्थ है. घर वाले बस उस के निमित्त श्राद्ध कर दिया करें, वह तृप्त हो जाया करेगा.
# स्वर्गस्थिता यदा तृप्तिं गच्छेयुस्तत्र दानतः
प्रासादस्योपरिस्थानमात्र कस्मान्न दीयते?
अर्थात यदि इस लोक में दिए गये दान से इतनी दूर स्थित कथित स्वर्ग के वासी प्राणी की तृप्ति हो जाती है तो मकान के ऊपर वाली मंजिल में बैठे व्यक्ति की नीचे बैठे व्यक्ति के भोजन करने से तृप्ति क्यों नहीं होती? यदि दान देने से दूरस्थ, स्वर्गस्थित व्यक्ति की तृप्ति वास्तव में होती है तब तो इतना निकट बैठे व्यक्ति की तृप्ति निर्बाध हो जानी चाहिए. स्वर्ग की दूरी के मुकाबले एक दो मंजिल की दूरी क्या होती है???
( माधवाचार्य 1295-1385,सर्वदर्शनसंग्रह).

Sunday 4 October 2015

 अब बोतल में बिकेगा मंगल का ‘प्योर मिनरल वॉटर’!

कैलिफोर्निया। मिनरल वॉटर बनाने वाली एक मल्टीनेशनल कंपनी ने अपने प्रीमियम कस्टमर्स के लिए मंगल ग्रह का प्योर वॉटर मुहैया करवाने का एलान किया है। उसने यह घोषणा नासा के उस दावे के बाद किया है कि मंगल पर पानी हो सकता है।
अब तक मिनरल वॉटर बनाने वाली विभिन्न कंपनियां हिमालय और अन्य दूरस्थ स्थलों का शुद्ध पानी बेचते आई है। लेकिन अब इस कंपनी ने एक कदम आगे बढ़कर मंगल ग्रह का पानी बेचने का एलान किया है। कंपनी के एक प्रवक्ता ने कहा, “मंगल ग्रह का यह पानी प्योरेस्ट वाॅटर होगा। हम जल्दी ही वहां एक प्लांट स्थापित कर पानी का प्रोडक्शन शुरू कर देंगे। प्रारंभ में यह हमारे केवल उन कस्टमर्स के लिए उपलब्ध होगा जो पानी की कीमत समझते हैं। बाद में मिडिल क्लास के लिए इसका सस्ता वर्जन भी लांच किया जाएगा।”

Thursday 1 October 2015

MORAL POLICING BY STATE AND THEIR COHOTS !
# Don't read:-1.Rama Retold by Aubrey Menon.2.An Area Of Darkness by V S Naipaul.3.Who Killed Gandhi by Lourenco De Salvador.4.Satanic Verses by Salman Rushdie.5.Lajja by Taslima Nasreen.6.Three Hundred Ramayanas by A K Ramanujan.7.The Hindus:An Alternative History by Wendy Doniger.8.Such A Long Journey by Rohinton Mistry.8. Charandas Chor by Habib Tanvir.9.Jinnah: India,Partition,Independence by Jaswant Singh;etc etc etc.
# Don't eat so and so.
# Don't appreciate art:one of the worst victims of moral policing and censorship has been one of India's most famous painters,M F Hussain.His paintings have been defaced his films banned in Gujarat,his property vandalized and even an absurd bounty of Rs 51 Crore announced for his silver head,forcing him to exile in Qatar.Even after his ,the ire hasn't eased up.A Ganesha painting at the Marriott in Mumbai was removed last year after one visitor objected to a nude women painted alongside the god.Nudes also offended the "sensibility"of a right wing group in Delhi in 2013,though the organisers refused to buckle under the protests.[Courtesy TOI].