Sunday 3 January 2016

कामरेड वर्धन का निधन;
जब पंजाब में शुरू हुए आतंकवाद के काले दौर के दौरान 25000 लोग मारे गए जिनमें आमजन के अलावा कम्युनिस्ट, कांग्रेस, भाजपा व अकाली सभी राजनीतिक दलों के नेता सर्वश्री दर्शन सिंह कैनेडियन, दीपक धवन, सुखदेव सिंह उमरानंगल, संत लौंगोवाल, जोगेंद्र पाल पांडे व हिताभिलाषी आदि शामिल थे। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह भी आतंकवादियों के हाथों ही शहीद किए गए।
उस काले दौर में जब संत-महात्मा व बड़े राजनीतिक दलों के नेता पंजाब आने से डरते थे, आतंकवाद ग्रस्त इलाकों का दौरा करने में ज्योति बसु, सोमनाथ चटर्जी, ए.बी. बर्धन तथा गुरुदास दासगुप्त जैसे नेता अग्रणी थे जिनका पंजाब में आतंकवाद के विरुद्ध लडऩे में महत्वपूर्ण योगदान रहा।
इन्होंने अपने प्राणों की परवाह न करते हुए पंजाब में कई रैलियां कीं और विशेष रूप से आतंकवाद से सर्वाधिक प्रभावित माझा इलाके के गांवों और अमृतसर तथा तरनतारन आदि के दौरे करके लोगों का मनोबल बढ़ाया।
इसीलिए सभी विचारधाराओं के नेताओं ने उनकी मृत्यु पर दुख व्यक्त किया है। नि:संदेह श्री बर्धन हमेशा एक जुझारू नेता के रूप में याद किए जाएंगे जो जीवन भर वंचित और हाशिए पर पड़े लोगों के लिए लड़ते रहे: फैज़ अहमद फैज़ के शब्दों में उनको श्रदांजलि :-
‘जो बादा कश थे पुराने वो उठते जाते हैं,
कहीं से आबे बका-ए-दवाम ला साकी।

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