Sunday 15 May 2016

हिंदी व्यंग्य;
भीषण गर्मी से निजात दिलाने के लिए सरकार की अनूठी पहल, गर्मी को भी डालेगी ठंडे बस्ते में!
देश में ठंडे बस्तों की कमी, खरीदी के समझौते के लिए प्रधानमंत्री तुरंत करेंगे किसी यूराेपीय देश का दौरा !
नई दिल्ली। देश के कई इलाकों में पड़ रही भीषण गर्मी के प्रकोप को कम करने के लिए केंद्र की भाजपा सरकार ने इसे भी ठंडे बस्ते में डालने का फैसला किया है। सरकार को उम्मीद है कि इससे तापमान में थोड़ी कमी हो सकेगी। इस संबंध में शनिवार को प्रधानमंत्री द्वारा बुलाई गई एक आपातकालीन बैठक में इस विषय पर गंभीरता से विचार किया गया।
गर्मी से देश में मरने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। आने वाले दिनों में गर्मी से कोई राहत न मिलने की संभावना के चलते सरकार वैकल्पिक उपायों में जुट गई है। इसी को लेकर सरकार ने आज आनन-फानन में कोर ग्रुप की एक बैठक बुलाई। बैठक में उपस्थित राजनाथ सिंह ने कहा कि हम जिस तरह से धारा 370, राम मंदिर निर्माण, कश्मीर पंडितों के पुनर्वास और समान आचार संहिता जैसे मुद्दों को ठंडे बस्ते में डाल चुके हैं, उसी तर्ज पर गर्मी को भी ठंडे बस्ते में डालकर जनता को फौरी राहत दिला सकते हैं।
अरुण जेटली ने भी इसका समर्थन करते हुए कहा, “सर्दी के दिनों में जब लोग ठंड से मरने लगेंगे तब हम गर्मी को ठंडे बस्ते से निकालकर थोड़े दिनों के लिए गर्मी बढ़ा देंगे, वैसे ही जैसे चुनावों के समय बाकी मुद्दों को बस्ते से निकालकर हम सरगर्मी बढ़ा दिया करते हैं।”
बैठक में उपस्थित कोर ग्रुप ने इसका समर्थन किया। लेकिन प्रधानमंत्री ने यह बात करके संदेह पैदा कर दिया कि देश में इस समय मौजूदा गर्मी के लिए हमारे पास ठंडे बस्ते ही उपलब्ध नहीं हैं। जो हैं भी तो उनमें धारा 370, राम मंदिर और समान आचार संहिता जैसे मामले ठंसे हुए हैं। इसलिए मुझे तत्काल किसी यूराेपीय देश की यात्रा पर जाकर वहां ठंडे बस्तों की खरीदी को लेकर कोई समझौता करना पड़ेगा। उन्होंने ठंडे बस्तों की बढ़ती जरूरत के मद्देनजर भविष्य में ‘मेक इन इंडिया’ के तहत भी ठंडे बस्तों की निर्माण योजना को आगे बढ़ाने के संकेत दिए।

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