Friday 17 July 2015

अध्यात्मिक सुरक्षा कवच,
धर्म का अंधविश्वास और बहुचर्चित "अध्यात्मवाद"से चोली दामन का रिश्ता है. जहाँ अंधविश्वास व्यवहार और चिंतन में स्थूल है वहीं अध्यात्मवाद व्यवहार और चिंतन में अव्यवहारिक और सूक्ष्म है. दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं. जब जब धार्मिक उन्माद के फलस्वरूप विरोधियों की निर्मम हत्यायें होती हैं, धार्मिक "पवित्रता "के लिए खून की नदियाँ बहाई जाती हैं तब तब धर्मगर्द लोग घिनौने रक्तपात के लिए अध्यात्मिक सुरक्षा कवच का सहारा लेते हैं. हज़ारों वर्षों से यह मानवता विरोधी घृणित क्रम चलता आया है और आज भी यह क्रम जारी है. ईद के "पावन"अवसर पर ईराक और नाईजीरिया में 160 से अधिक लोग आत्मघाती हमलों में मार दिए गये.
कौन रहता है कि धर्म शान्ति, मानवता और शान्तमय सहस्तित्व का पुण्य और पावन प्रतीक है ???.

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