Saturday 9 April 2016

व्यंग्य, 
चिकन सम्प्रदाय की गुहार :-
चिकन सम्प्रदाय ने जन हित याचना (PIL)द्वारा पशु पक्षी अधिकार आयोग से गुहार लगाई है कि हिंदुओं के एक वर्ग द्वारा नवरात्रों में उन के विरुद्ध घृणा, तिरस्कार, पूर्वग्रह और जातिगत भेदभाव की भावना का तर्कहीन प्रदर्शन किया जाता है जो निंदनीय है. जब वर्ष के 356 दिन उन के प्रति अथाह प्रेमभाव के परिणामस्वरूप डाईनिंग टेबल पर समुचित मान सम्मान दिया जाता है तो दोहरे मापदण्ड (हिपोक्रेसी )के प्रतीक के रूप में उन की सम्पूर्ण जाति का नवरात्रों में तिरस्कार और अपमान क्योंकर किया जाता है. एक प्रेस विज्ञप्ति में चिकन समाज ने नास्तिक समाज की भरपूर प्रशंसा और आभार व्यक्त किया है जो बिना किसी पूर्वग्रह और भेदभाव के वर्ष के 365 दिन उन्हें अपने किचन और डाईनिंग टेबल पर पूरा मान सम्मान देते हैं.

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