Tuesday 16 February 2016

देशभक्त  बनने के उपाय !
ज़ोर-ज़ोर से बोलें, भारत माता की जय।
- बीच-बीच में किसी लेखक या बुद्धिजीवी की पिटाई करते रहें।
- किसी किताब या कलाकृति में आपकी नजर में कुछ राष्ट्रविरोधी हो तो फौरन उसका विरोध करें, उसे जला दें या तोड़फोड़ दें।
- कोई अगर कहे कि देश अपने नागरिकों के साथ नाइंसाफ़ी कर रहा है तो उसे माओवादी बता दें।
- अगर कोई मजदूरों और किसानों की बात उठाए तो उसे विकास विरोधी क़रार दें।
- आरक्षण का सवाल उठे तो योग्यता की बात करें। दलितों, अल्पसंख्यकों और पिछड़ों को बीच-बीच में उनकी औकात बताते रहें।
- सुबह पार्क जाकर ज़ोर-ज़ोर से हंसे, योग करें, बाबा की मैगी खाएं, उनके बताए मुताबिक सांस लें और छोड़ें।
- पाकिस्तान को बार-बार गालियां दें।
- क्रिकेट मैच में भारतीय टीम का झंडा लेकर घूमें, गाल पर तिरंगा छपवा लें।
- लोकतंत्र को कोसते हुए बताएं कि सारी गड़बड़ियां वोट की राजनीति से है।
- नेहरू को गालियां दें और बताएं कि पटेल यह देश अच्छे से चला सकते थे।
- गांधी को महात्मा मानें, लेकिन गोडसे को और महान आत्मा मानें, उनकी मूर्तियां लगवाएं, उनकी फांसी के दिन पर शौर्य दिवस मनाएं।
- अभिव्यक्ति के अधिकार पर भरोसा करें, लेकिन भक्ति के अधिकार को ज़्यादा बड़ा मानें।
- गाय को सड़क पर भटकने दें, पॉलिथीन खाने दें, लेकिन गोकशी और गाय का कारोबार करने वालों की जासूसी करें, ज़रूरत करने पर पिटाई भी।
- महिलाओं का पूरा सम्मान करें, उन्हें भड़काऊ कपड़े न पहनने दें, उन्हें घर के भीतर रखें, उन्हें पतिव्रता और धर्मपरायण होने की शिक्षा दें।
- गीता-वेद, महाभारत-रामायण पढ़ें न पढ़ें, लेकिन रीति-रिवाजों और परंपराओं का हवाला देते हुए सत्यनारायण कथा, तमाम तरह के व्रत-उपवास करते-कराते रहें।
- देश में किसी तानाशाह या सैनिक शासन की ज़रूरत बताएं।
- अखबार न पढ़ें, किताब न पढ़ें, संविधान न पढ़ें, एक फ़र्ज़ी ट्विटर अकाउंट शुरू करें और जो भी देश और समाज को बदलने की सोचें, उसको धमकाएं।
- विचार भी करें और बहस भी, लेकिन जो आपकी न माने या न सुने, उसका मुंह तोड़ दें।
- बस देश के लिए जिएं, देश के लिए सोचें और देश के लिए किसी की जान भी लेने को तैयार रहें।

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