Friday 20 November 2015

व्यंग्य, 
सामूहिक उत्तरदायित्व :भाजपा का नवीनतम मन्त्र !
(अंतर्यामी न्यूज़ सर्विस ).
मोदीजी:सामुहिक उत्तरदायित्व, सामुहिक उत्तरदायित्व 
अमित शाह :बास, क्या आप गायत्री मन्त्र दोहरा रहे हैं?
मोदीजी:नहीं रे, यह पार्टी का नया मन्त्र है जिस के अंतर्गत कोई एक व्यक्ति चुनावी हार के लिए ज़िम्मेदार नहीं होता.
अमित शाह :वाह वाह, परन्तु क्या इस मन्त्र के अंतर्गत मार्ग दर्शन मण्डल के वरिष्ठ सदस्य अदवाणी आदि भी आते हैं?
मोदीजी:विशेष रूप से यह मन्त्र उन के लिए भी है.
अमित शाह :क्या कमाल का मन्त्र है? वैसे क्या इस मन्त्र को और अधिक सामुहिक नहीं बनाया जा सकता?
मोदी जी:वह कैसे अमित भाई?
अमित शाह :सामुहिक उत्तरदायित्व को और सार्थक एवं यथार्थवादी बनाने के लिए श्यामा प्रसाद मुखर्जी का नाम आना चाहिए, जिस ने 1951 में भारतीय जन संघ की स्थापना की थी और जो 1980 में भाजपा में परिवर्तित हो गई. यदि उन्हों ने भाजपा की आधारशिला न रखी होती तो आज हमें बिहार में हार का सामना न करना पड़ता.
मोदीजी:परन्तु अकेले मुखर्जी ही क्यों? यदि वहां महागठबंधन न होता तो हम हारते ही क्यों? प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से महागठबंधन भी सामुहिक अत्तरदायित्व के अन्तर्गत आता है.
अमित शाह :नरेन्द्र भाई, आप बिल्कुल ठीक कह रहे हैं, परन्तु मैं समझता हूँ कि बिहार के मतदाता भी इस सामुहिक उत्तरदायित्व के अन्तर्गत आते हैं जिन्होंने हमारे विरुद्ध मतदान किया और फिर यह अनिश्चित प्रजातन्त्र... यह भी....
(जग सूर्या के अंग्रेज़ी आलेख का हिंदी रूपांतरण ).

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