Friday 16 May 2014

कडवी मगर सच बात..
धन की देवी लक्ष्मी की पुजा सिर्फ
हमारे देश मे की जाती है,
फिर भी देश की 75%
जनता गरीबी और भुखमरी से लड
रही है।।
शिक्षा की देवी सरस्वती की पुजा भी सिर्फ
हमारे हि देश मे ही की जाती है ।।
फिर भी हमारे देश की गिनती सबसे
अनपढ़ देशो मे होती है ।।
अन्न उत्पादन करने
कि देवी माँ अन्नपुर्णा की पुजा भी सिर्फ
हमारे देश मे होते है ।।
फिर भी हमारे देश के हजारो गरीब
किसान हर साल अत्महत्या कर लेते है ।।
वर्षा के देवता इन्द्र
की पुजा भी सिर्फ हमारे हि देश मे
होती है।।
फिर भी कभी सुखा तो कभी बाढ़ आ
जाती है ।।
स्त्री को हमारे
यहा देवी का दर्जा दिया जाता है ।।
फिर भी दहेज के लिये हर साल
हजारो औरतो को जिन्दा जला दिया जाता है।।
अतिथि देवो भव: अर्थात
अतिथि को भगवान माना जाता है ।।
फिर भी विदेश से आये
अतिथियों की हत्या या बलात्कार
होना हमारे यहा आम बात है ।।
सेक्स के भगवान काम देवता भी हमारे
ही देश मे है,
तो क्या इसी लिये हमारे
देशवासी इतने हवश के पूजारी है ??
नटखट श्री कृष्ण की पूजा भी हमारे
ही यहाँ होती है,
तो क्या इसी लिये सबसे
ज्यादा लड़कियो से छेड़छाड़ और
बलात्कार हमारे यहाँ होते है??
विश्वकर्मा की पूजा हमारे देश में
ही होती है,
लेकिन उद्योग विकास में हमें
पिछड़ा माना जाना है ।।
क्यों ?

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