Saturday 23 September 2017

व्यंग्य यथार्थ के आसपास !
श्री वेंकेया नायडू कमाल के संस्कारी तथा शुद्ध नागपुरी हिन्दुत्व व्यवहार एवं चिंतन के असाधारण प्रतीक हैं .भगवा परिवार के हाई कमांड ने उन्हें यूं ही उप राष्ट्रपति के पद पर शोभित नहीं किया . उनका समर्पण भाव तथा उनकी आस्था देखते ही बनती है .कुछ समय पहले जहाँ उन्होंने मोदीजी को देशवासियों के लिए ईश्वर का वरदान परिभाषित किया वहीं उन्होंने असाधारण राजनीतिक अनुसन्धान देशवासियों के सामने प्रस्तुत किया कि देवतुल्य मोदीजी अपने नाम के अनुरूप "प्रगतिशील भारत के निर्माता हैं [ Modi = maker of developed India] . अपनी परंपरागत सोच के अनुरूप ही उनका नवीनतम प्रवचन भक्तों की दिव्य संतुष्टि और आत्मीय प्रसन्ता का कारण बना है . वाह क्या बात है. जो प्रवचन राष्ट्र गुरु परम आदरणीय मोहन भाग्वत जी न दे सके वह प्रवचन नायडू जी ने दे डाला :-
* देवी दुर्गा प्राचीन भारत के  डिफेन्स मंत्री के पद पर शोभित थी !
* देवी लक्ष्मी प्राचीन भारत के फाइनेंस मंत्री के पद पर शोभित थी !
* देवी सरस्वती प्राचीन भारत के एजुकेशन मंत्री के पद पर शोभित थी !
इस प्रवचन के माध्यम से अब देशवासियों को पहली बार समझने को मिला कि किस आधार पर वर्ष २०१४ में श्रीमती स्मृति ईरानी को एजुकेशन मंत्री का दायित्व दिया गया था और अब किस आधार पर श्रीमती निर्मला सीथारमण को डिफेन्स मंत्री का दायित्व दिया गया .इस अनुसन्धान के आधार पर यह भी स्पष्ट हो जाता है कि वास्तव में माननीय अरुण जेटलीजी तथा प्रकाश जावेडकर जी क्रमशः देवी लक्ष्मी तथा देवी सरस्वती के प्रतीक हैं .इसके साथ साथ नए भारत का नया इतिहास निर्माण करने की दिशा में कपोलकल्पित मिथ को ठोस इतिहास के रूप में प्रस्तुतीकरण करने का नया आयाम बना !
#निर्माणाधीन_हिन्दू_राष्ट्र  !

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