Saturday 30 July 2016

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ :घ्रणित मनुवाद  के अनुयायी  !
संघ पर उच्च ब्राह्मणवाद का प्रारम्भ से ही वर्चस्व रहा है  और ब्राह्मणवाद पहली  प्राथमिकता .आज भले ही संघ को दलितों के वोट बैंक की खातिर उन्हें बाबासाहब आंबेडकर का यशोगान करना पड़ रहा हो ,वास्तव में संघ सदा सदा से बाबासाहब और उनकी प्रगतिशील क्रन्तिकारी विचारधारा के के खिलाफ रहा  हैं.वर्ष १९५० में संविधान लागू होने के केवल चन्द दिन पश्चात् ६ फरवरी को ,संघ की साप्ताहिक पत्रिका 'Organiser'में जस्टिस शंकर सुब्बा एयर का एक लेख प्रकाशित हुआ जिस का शीर्षक था -"मनु हमारे दिलों पर राज्य करता है ".लेख में स्पष्ट सन्देश दिया गया -"हालांकि डॉ आंबेडकर ने बॉम्बे में कहा है कि मनु युग समाप्त हो गया है ,सचाई यही है कि आज भी हिन्दुओं के दैनिक जीवन में मनु की आचार संहिता प्रासंगिक है".
कोई भी जो मनुवाद के बारे जानकारी रखता है जनता है कि मनु ने दलित और नारी के प्रति कितना ज़हर उगला है ?[टाइम्स ऑफ़ इंडिया में प्रकाशित शीर्षक लेख -BJP's faultline stands exposed'के अंश का अनुवाद ]. 

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