Sunday 25 June 2017

आगरा। उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस बयान कि ताजमहल भारतीय संस्कृति का हिस्सा नहीं है, से आहत एक समिति ने एक अभियान चलाने का निर्णय लिया है। इसके तहत ताजमहल को विशेष प्रयासों के जरिए भारतीय संस्कृति का हिस्सा बनाया जाएगा।

क्या करेगी समिति? :

‘ताजमहल को भारतीय संस्कृति में लाओ’ नामक समिति का मानना है कि ताजमहल और उसके परिसर के अत्यंत स्वच्छ दिखने के कारण योगी आदित्यनाथ को इसके भारतीय संस्कृति का हिस्सा होने पर डाउट हुआ होगा। इसलिए समिति ताजमहल को भारतीय संस्कृति का हिस्सा बनाने के लिए ये तीन काम करेगी :
1.पान-गुटखा खाने वालों की सेवाएं लेगी : ताजमहल की दीवारों को पान की पीक से लाल किए बगैर इसे भारतीय संस्कृति में शामिल नहीं किया जा सकता। तो इसके मद्देनजर समिति पान-गुटखा खाने वाले वालेंटियर्स की सेवाएं लेंगी। समिति को उम्मीद है कि ये लोग दस दिन में ताजमहल को भारतीय संस्कृति के काफी निकट ले आएंगे।
2. प्रेमी जोड़ों को प्रेरित किया जाएगा : ताजमहल को भारतीय संस्कृति के और निकट लाने के लिए प्रेमी जोड़ों को ताजमहल की दीवारों पर “I love you सोनम/सविता/कविता/राजेश/सुरेश” या इसी टाइप की कुछ कालजयी रचनाओं के लिए प्रेरित किया जाएगा। इसके लिए प्रेमी जोड़ों को नुकीले औजार मुहैया करवाए जाएंगे ताकि उन्हें दिक्कत नहीं हो।
3. चिप्स, कुरकुरे के पैकेट मुहैया करवाए जाएंगे : ताजमहल देखने जाने वाले पर्यटकों को समिति फ्री में चिप्स, कुरकुरे जैसी चीजों के पैकेट मुहैया करवाएगी। इसका मकसद यही है कि लोग ताजमहल देखते-देखते चिप्स-कुरकुरे का मजा लें और खाली पैकेट्स को वहीं फेंककर ताजमहल को भारतीय संस्कृति का हिस्सा फील करवाएं।

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