Friday, 28 August 2015

व्यथित मोदी जी पहुँचे निर्मल बाबा के दरबार, माँगा देश की समस्याओं का समाधान !
कांग्रेस पार्टी के उपाध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी के ‘सूट-बूट’ वाले कटाक्ष से सभी सांसद, पत्रकार और बुद्धजीवी अचम्भे में थें। आखिर एक ‘छोटा भीम’ देखने वाला सांसद इतना सटीक व्यंग्य कैसे कर सकता है? एकाएक हुआ उनका व्यक्तित्व विकास विस्मयकारक था। तदन्तर हुए फेकिंग न्यूज़ के ख़ुलासे से स्पष्ट हुआ कि अपने संसदीय अवकाश में राहुल गांधी निर्मल बाबा से मिलें और तभी से उनपर कृपाओं की असीम वृष्टि जारी है। आलम यह है कि तमाम नेताओं का निर्मल दरबार में ताँता लगना शुरू हो गया है।
इसी कड़ी में अपने अफ़ग़ानिस्तान के पाँचवे चरण के दौरे को रद्द कर, गुरुवार की रात मोदी निर्मल दरबार में पहुँचे।प्रस्तुत् है नरेन्द्र मोदी और निर्मल बाबा की वार्तालाप के कुछ अंश-
मोदी : इस अबोध भक्त का बाबा की चरणों में कोटि-कोटि वंदन!
बाबा : तुम अबोध कैसे हो सकते हो? आखिरकार तुम्हारे अपने भक्तों की फ़ेहरिस्त बड़ी लम्बी है! पूछो, क्या पूछना चाहते हो?
मोदी : बाबा जी, आजकल रूपया का कमज़ोर होना, महंगाई का बढ़ना, पाकिस्तान का हमारी 56 इंच की छाती पर चढ़ना और आए दिन विरोध प्रदर्शन, इन सबसे बहुत परेशान हूँ बाबा ,कोई उपाय बताईये ?
बाबा : तुम्हारी समस्या बहुत बड़ी है , उपाय भी अनेक करने होंगे। (थोड़ा सोचने के बाद) ये प्याज़ क्यों दिख रहा है भाई! याद करो आखिरी बार प्याज़ कब और कहाँ देखा था?
मोदी : बाबा जी, आज सुबह नाश्ते में प्याज़ के पकोड़े खायें थें। रोजाना ही खाता हूँ।
बाबा : एक कृपा तो यहाँ रुकी हुई है। खुद खाते हो और औरों को नहीं खिलाते! भाई, आम आदमियों को प्याज़ के पकोड़े खाने लायक बनाओ, कृपा आनी शुरू हो जाएगी!
मोदी : जी बाबा, अब प्याज नहीं खाऊंगा बल्कि आम जनता को खाने दूंगा।
मोदी : अच्छा बाबा जी, महंगाई का क्या करूँ?
बाबा : ये बताओं आखिरी बार किसानों से कब मिले थे?
मोदी : जी गुजरात का मुख्यमंत्री बनने से पहले!
बाबा : एक कृपा तो यहाँ रुकी हुई है! इस बार किसानों की मन की बात को भी सुनना पड़ेगा।
मोदी : बाबी जी, पाकिस्तान तो बात करने से भी कतरा रहा है, ऐसे में मैं क्या करूँ, कैसे मिटेगा आतंकवाद?
बाबा : भाई, ये अनशन क्यों दिख रहा है! एक बार जंतर मंतर पर पूर्व सैनिकों से मिल आओ, एक कृपा वहां रुकी हुई है।
मोदी : जी बाबा जी! परुन्तु हार्दिक पटेल को कैसे ख़ुश कर सकता हूँ? वो तो आरक्षण की मांग पर अडिग है।
बाबा : सब शांत हो जायेंगे, बस बहन आनंदीबेन पटेल को राज धर्म निभाने की नसीहत मत देना! एक कृपा यहाँ से आयेगी।
मोदी : जी बाबा जी! परन्तु विपक्ष संसद में द्वेष के कारण अनावश्यक बाधा डाल रहा है, इसका क्या उपाय है?
बाबा : अगली बार से जब विपक्ष में होना तो तुम भी द्वेषवश अनावश्यक विरोध मत करना। समझे? एक कृपा यहाँ रुकी हुई है।
मोदी : बाबा जी, एक और आखिरी सवाल, बिहार के चुनावों में जीतने के लिए क्या उपाय है?
बाबा : ये खेल क्यों दिख रहा है भाई! कोई खेल तो नहीं खेलते?
मोदी : जी बाबा जी, कभी-कभी भोली जनता के साथ जुमलें खेल लेता हूँ!
बाबा : आज से जुमलें फेंकना बंद कर दो, कृपा आनी शुरू हो जाएगी!
मोदी : सदैव ऐसे ही अपनी कृपा मुझपर बनाएं रखियेगा, बाबा को कोटि-कोटि वंदन!
बाबा : भाई, जो तुमने काले धन वाले 15 लाख मेरे बैंक खाते में जमा करवाएं हैं, उसमे सिर्फ 50 दिन की कृपा होगी।
मोदी : बाबा जी , कृपया ऐसा ना करें। जैसे ही विदेशों से बाकि का काला धन लाऊंगा, आपको सवा लाख करोड़ रूपये चढाऊंगा।
बाबा : वाह! तुम्हारे इस वादे से, मैं बहुत प्रसन्न हूँ और 50 दिन की कृपा को बढ़ा रहा हूँ। बताओ कितना बढाऊं? 60 दिन? 70 दिन? 80 दिन? 90 दिन?
मोदी : बाबा! बाबा! बाबा! बाबा!
बाबा : मै पुरे दिन 125 दिनों की कृपा दे रहा हूँ, तुम्हारे उज्जवल भविष्य के लिए!

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