Tuesday, 11 August 2015

महान अध्यात्मिक वेद व्यास का उत्पाद दोषपूर्ण क्यों ???
# संध सरकार की केन्द्रीय सत्ता पर आधिपत्य के साथ ही प्राचीन "विज्ञान " की "गौरवशाली " परम्पराओं का महिमामण्ड़न संघ परिवार द्वारा काफी ज़ोरशोर से किया जा रहा है. प्राचीन "वैज्ञानिक परम्परा " के अंतर्गत नियोग प्रथा असाधारण ढंग (अनैतिक ) से सन्तान उत्पत्ति का सम्मानित माध्यम रहा है. महाभारत के अनुसार, धृतराष्ट्र, पांडु और विदुर का जन्म, विचित्रवीर्य की पत्नीयों और वेद व्यास के नियोग संगम का परिणाम था. 
जब कथित तौर पर तत्कालीन विज्ञान बहुत उन्नत था, तो धृतराष्ट्र जीवनपर्यन्त अंधा ही क्यों रहा? क्यों नहीं तत्कालीन चिकित्सकों ने आंखों का प्रत्यरोपन किया? क्यों नहीं धृतराष्ट्र किसी के तपतेज के चमत्कार फलस्वरूप ठीक हुआ? क्यों दूसरा सम्राट पांडु न चिकित्सा से ठीक हुआ न किसी के तपतेज या आशीर्वाद से? क्यों पांडु रक्ताल्पता के कारण अकाल मृत्यु का शिकार हुआ? क्यों पांडु की सन्तान उत्पत्ति की अयोग्यता का "उन्नत" चिकित्सा द्वारा समाधान न हो सका? क्यों पांडु की पत्नीयों कुन्ती और माद्री को केवल नियोग प्रथा की सहायता से युधिष्ठिर, भीम, अर्जुनः, नकुल और सहदेव से जन्म देना पड़ा?
मूल प्रश्न :-वेद व्यास को परमज्ञानी, परम अध्यात्मिक और उन्नत तेज तप वाले व्यक्तित्व के रूप में परिभाषित किया जाता है. फिर उस का उत्पाद इतना दोषपूर्ण क्यों???

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