‘शोले’ के 40 वर्ष पूरे होने पर क्या बोले मोदी, राहुल, ओवैसी और सुषमा !
हिंदी सिनेमा की महान फ़िल्म ‘शोले’ को रिलीज हुए आज 40 साल पूरे हो गये। इस अवसर पर देश की जानी-मानी हस्तियों ने इस फ़िल्म के बारे में क्या कहा, पढ़िये-
नरेंद्र मोदीः मित्रों, कांग्रेस के भ्रष्टाचार की वजह से हम 40 सालों में केवल एक ही ‘शोले’ बना पाये। अगर मेरे सवा सौ करोड़ भारतवासी आज प्रण लें तो 2022 तक हम ऐसी 10 शोले बना सकते हैं। भाईयों-बहनों, मैं आपको विश्वास दिलाना चाहता हूं कि शोले से भी मेरा बहोतगहरा नाता है।
राहुल गांधीः एक मिनट! मेरा पर्चा कहां गया? कहां गया पर्चा? हां, मिल गया! नहीं, ये तो दूसरा है। शोले…शोले…शोले…कहां गया शोले वाला! यहीं रुको! मैं अभी आता हूं।
नरेंद्र मोदीः मित्रों, कांग्रेस के भ्रष्टाचार की वजह से हम 40 सालों में केवल एक ही ‘शोले’ बना पाये। अगर मेरे सवा सौ करोड़ भारतवासी आज प्रण लें तो 2022 तक हम ऐसी 10 शोले बना सकते हैं। भाईयों-बहनों, मैं आपको विश्वास दिलाना चाहता हूं कि शोले से भी मेरा बहोतगहरा नाता है।
राहुल गांधीः एक मिनट! मेरा पर्चा कहां गया? कहां गया पर्चा? हां, मिल गया! नहीं, ये तो दूसरा है। शोले…शोले…शोले…कहां गया शोले वाला! यहीं रुको! मैं अभी आता हूं।
असदउद्दीन ओवैसीः मैं पूछता हूं मोढी से कि शोले में गब्बर बनाने को तुम लोगां कू एक मुसलमान ही मिला था क्या? तुम्हें मरवाने को कोई हिदू एक्टर नहीं मिला क्या पूरे हिन्दोस्तान में!
सुषमा स्वराजः जय और वीरू ने गब्बर को मारने में ठाकुर की मदद ‘मानवीय आधार’ पर की थी। अगर ऐसा करना गुनाह है तो जय और वीरू ने गुनाह किया था, लेकिन गब्बर को मारने के बदले में उन्होंने एक नया पैसा नहीं लिया था।
आरएसएसः ‘शोले’ एक राष्ट्रभक्ति से ओत-प्रोत फ़िल्म है। जिसमें दो देशभक्त वीर हिंदू युवक एक बहादुर हिंदू पुलिस ऑफ़िसर की मदद से अत्याचारी मुस्लिम डाकू गब्बर उर्फ़ अमज़द ख़ान का वध करते हैं और रामगढ़ के रूप में एक हिंदू गांव का निर्माण करते हैं।
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