Friday, 22 May 2015

दुर्घटना बीमा ,जीवन बीमा तथा पेंशन स्कीम  की ज़मीनी सचाई  !
सरकार ने अभी हाल ही में बड़े धूम-धड़ाके के साथ तीन सामाजिक योजनाओं की घोषणा की है। ये तीन योजनाएं, जिनमें दुर्घटना बीमा, जीवन बीमा और पैंशन योजना शामिल हैं, का विश्लेषण करने पर पता चलता है कि इनसे आम आदमी को कोई लाभ नहीं हुआ है।  ये योजनाएं तो केवल उन लोगों के लिए है जिन के पास बैंक खाते हैं और उन खातों में पैसे हैं। सवा अरब की आबादी वाले देश में केवल 15करोड़ लोगों के पास ही खाते हैं। इन 15 करोड़ में से भी एक-तिहाई ऐसे खाते हैं जिनकी जमा राशि शून्य है।
 
 इन योजनाओं में सरकार की ओर से कोई अंशदान नहीं डाला जा रहा है और न ही इसके लिए किसी प्रकार से बजटीय  समर्थन का प्रावधान रखा गया है। प्रधानमंत्री सुरक्षा योजना में  12 रुपए के प्रीमियम पर बीमा कम्पनी 2 लाख रुपए का कवर उपलब्ध करवाएगी, इसमें सरकार कहां है?  
 
यह पैसा कमाने का कारोबार है। सरकार को बड़े बीमा कारोबार से लाभ होता है क्योंकि बीमा कोष सरकार की ढांचागत योजनाओं के लिए बेहद उपयोगी रहते हैं।  इसमें सरकार अपनी तरफ से क्या लगा रही है बल्कि योजनाओं के लिए लोगों से पैसा ले रही है। वे सभी योजनाएं नई बोतल में पुरानी शराब जैसी हैं। परन्तु मोदी दावा कर रहे हैं कि यह उनके दिमाग की उपज है। इस सरकार ने अभी तक बुलेट ट्रेन, हाई स्पीड ट्रेन, सब का साथ-सब का विकास जैसे जुमले हवा में उछालने के अलावा कुछ ठोस नहीं किया है। विकास पुरुष के सत्ता में आते ही विकास ठहर-सा गया है।

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