Sunday, 31 May 2015

श्रीमद्भागवतपुराण ;
अपना पौराणिक ज्ञानवर्धन करें !
क्या आप जानते हैं ???
*सातों समद्रों में विभिन्न पेय पदार्थ [ईख मदिरा घी दूध खारा/मीठा जल आदि] [स्कन्द ५,अध्याय 1,शलोक ३३].
* भगवन शिव के वीर्य से सोना चांदी की उत्पति [स्कन्द ८,अध्याय १२,शलोक ३२-३३].
* ब्रह्मा के मुख से वेदों की उत्पति [स्कन्द ३,अध्याय १२,शलोक ३४].
* ब्रह्मा के जांघ से आसरों की उत्पति [स्कन्द ३,अध्याय २०,शलोक २३].
* ब्रह्मा के नाक से सूअर की उत्पति [स्कन्द ३,अध्याय १३,शलोक १८-१९].
* ब्रह्मा के बाल से सर्प की उत्पति [स्कन्द ३,अध्याय २०,शलोक ४७-४८].
* मृत पुरुष के शरीर से बच्चे की उत्पति [स्कन्द ४,अध्याय १४,शलोक ४३-४५].
* बुढ़ापा और जवानी की अदलाबदली [स्कन्द ९,अध्याय १८].
* ११०० योजन ऊँचा पेड [एक योजन =१३ किलोमीटर][स्कन्द ५,अध्याय १६,शलोक १२].
* पृथ्वी से सूर्य निकट और चन्द्रमा दूर [स्कन्द ५,अध्याय २२].
* गर्भाशय से बच्चे का बोलना [स्कन्द ९,अध्याय २०,शलोक ३६].
* दिति का १०० वर्ष तक गर्भ धारण किये रहना [स्कन्द ३,अध्याय १५,शलोक 1].
* स्त्री के गर्भ से जड्जंगम स्रष्टि [स्कन्द ६,अघ्याय ६,शलोक २६-२९].
* हिरनी के गर्भ से श्रिंग ऋषि का जन्म [स्कन्द ११,अध्याय ८,शलोक १८].
* घडे से अगस्त्य और वशिष्ट का जन्म [स्कन्द ६,अध्याय १८,शलोक ५-६].
* हल की नोक से हस्तिनापुर समाप्त [स्कन्द १०,अध्याय ६८,शलोक ४१].
* रथ के लीक से समुद्र की उत्पति [स्कन्द ५,अध्याय 1,शलोक ३१].
* महराजा उग्र सेन की सेना एक नील =१००००००००००००० [स्कन्द १०,अध्याय ९०,शलोक ४२].
यहाँ केवल कुछ प्रसंग दिए गये हैं.अधिक ज्ञान वर्धन हेतु मूल ग्रन्थ का अध्यन कर के पुण्य प्राप्त करें.ऐसा दिव्य ज्ञान आप को और कहीं प्राप्त नहीं होगा .ज्ञानवान भव .जय हिन्दू राष्ट्र !

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