व्यंग्यात्मक हास परिहास,
बहुराष्ट्रीय मिनरल वाॅटर कंपनियों को ठेके पर दी जाएगी गंगा, 20 साल में हो जाएगी साफ !
बहुराष्ट्रीय मिनरल वाॅटर कंपनियों को ठेके पर दी जाएगी गंगा, 20 साल में हो जाएगी साफ !
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद गंगा की सफाई को लेकर केंद्र सरकार हरकत में आ गई है। वह अब ऐसी योजना पर काम कर रही है, जिससे गंगा केवल 20 साल में ही साफ हो जाएगी। इसके तहत गंगा को मिनरल वाॅटर बनाने वाली बहुराष्ट्रीय कंपनियाें को सौंपा जाएगा। इस संबंध में सरकार जल्दी ही सुप्रीम कोर्ट में पॉवर पॉइंट प्रेजेंटेशन करेगी।
केंद्र सरकार ने यह निर्णय सुप्रीम कोर्ट की उस नाराजगी के बाद लिया है जिसमें कोर्ट ने कहा था कि मौजूदा योजना से तो गंगा की सफाई में 200 साल लग जाएंगे। शीर्ष अदालत ने सरकार को गंगा की सफाई के लिए ठोस पॉवर पॉइंट प्रेजेंटेशन बनाकर लाने को कहा था। कोर्ट की फटकार के बाद ही गंगा पुनरुद्धार मामलों की मंत्री उमा भारती ने अपने मंत्रालय के अधिकारियों की बैठक बुलाई। इसमें जो पॉवर पॉइंट प्रेजेंटेशन बनाया गया, उसके मुख्य बिंदु इस तरह से हैं :
1. गंगा की सफाई के लिए बहुराष्ट्रीय कंपनियों को आमंत्रित किया जाएगा। ये कंपनियां गंगा के किनारों पर प्लांट्स लगाकर गंगा का पानी स्वच्छ करके बोतलों में ही बेचेंगी।
2. ये कंपनियां अलग-अलग आकार-प्रकार की बोतलों में शुद्ध गंगाजल मुहैया करवाएंगी। पूजा के लिए 100 एमएल से लेकर 250 एमएल की बोतलें होंगी। गंगा में डूबकी लगाने के आकांक्षी लोगों के लिए 30 लीटर से 50 लीटर तक के जारों में पानी उपलब्ध होगा। इन्हें लोग अपने बाथरूमों के टब में डालकर वहां डूबकी लगा सकेंगे। घाटों पर भी ऐसे टब बनाए जाएंगे।
3. गंगाजल को अन्य देशाें में निर्यात करके विदेशी मुद्रा भी कमाई जा सकेगी। इसके निर्यात पर सरकार स्वयं नियंत्रण रखेगी।
4. इस योजना से गंगा को साफ करने में 200 साल नहीं लगेंगे। मंत्रालय के आंकलन के अनुसार बहुराष्ट्रीय कंपनियां 20 साल में ही गंगा को साफ कर देंगी।
5. गंगा के साफ होने के बाद जो जमीन सामने आएगी, उस पर सरकार का स्वामित्व रहेगा। उसे रॉबर्ट वाड्रा से बचाने के पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे। बाद में इस जमीन पर 21 स्मार्ट सिटी बनाई जाएंगी।
केंद्र सरकार ने यह निर्णय सुप्रीम कोर्ट की उस नाराजगी के बाद लिया है जिसमें कोर्ट ने कहा था कि मौजूदा योजना से तो गंगा की सफाई में 200 साल लग जाएंगे। शीर्ष अदालत ने सरकार को गंगा की सफाई के लिए ठोस पॉवर पॉइंट प्रेजेंटेशन बनाकर लाने को कहा था। कोर्ट की फटकार के बाद ही गंगा पुनरुद्धार मामलों की मंत्री उमा भारती ने अपने मंत्रालय के अधिकारियों की बैठक बुलाई। इसमें जो पॉवर पॉइंट प्रेजेंटेशन बनाया गया, उसके मुख्य बिंदु इस तरह से हैं :
1. गंगा की सफाई के लिए बहुराष्ट्रीय कंपनियों को आमंत्रित किया जाएगा। ये कंपनियां गंगा के किनारों पर प्लांट्स लगाकर गंगा का पानी स्वच्छ करके बोतलों में ही बेचेंगी।
2. ये कंपनियां अलग-अलग आकार-प्रकार की बोतलों में शुद्ध गंगाजल मुहैया करवाएंगी। पूजा के लिए 100 एमएल से लेकर 250 एमएल की बोतलें होंगी। गंगा में डूबकी लगाने के आकांक्षी लोगों के लिए 30 लीटर से 50 लीटर तक के जारों में पानी उपलब्ध होगा। इन्हें लोग अपने बाथरूमों के टब में डालकर वहां डूबकी लगा सकेंगे। घाटों पर भी ऐसे टब बनाए जाएंगे।
3. गंगाजल को अन्य देशाें में निर्यात करके विदेशी मुद्रा भी कमाई जा सकेगी। इसके निर्यात पर सरकार स्वयं नियंत्रण रखेगी।
4. इस योजना से गंगा को साफ करने में 200 साल नहीं लगेंगे। मंत्रालय के आंकलन के अनुसार बहुराष्ट्रीय कंपनियां 20 साल में ही गंगा को साफ कर देंगी।
5. गंगा के साफ होने के बाद जो जमीन सामने आएगी, उस पर सरकार का स्वामित्व रहेगा। उसे रॉबर्ट वाड्रा से बचाने के पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे। बाद में इस जमीन पर 21 स्मार्ट सिटी बनाई जाएंगी।
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