बृहस्पतिवार (थरसड़े) के दिन बाल न कटवाने और शेव न करने का अवैज्ञानिक अंधविश्वास कुतर्क पर आधारित !
बृहस्पतिवार के दिन को लेकर माना जाता है कि इस दिन शरीर पर साबुन, बाल धोना और कटवाना तीनों ही शुभ नहीं होता। इसके पीछे ज्योतिषिय और वैज्ञानिक दोनों कारण बताए जाते हैं।
बृहस्पतिवार के दिन को लेकर माना जाता है कि इस दिन शरीर पर साबुन, बाल धोना और कटवाना तीनों ही शुभ नहीं होता। इसके पीछे ज्योतिषिय और वैज्ञानिक दोनों कारण बताए जाते हैं।
ज्योतिष के अनुसार मान्यता है कि बृहस्पतिवार का दिन देवताओं के गुरु बृहस्पति को समर्पित है। बृहस्पति देव संतान और ज्ञान के प्रधान देव हैं। गुरुवार को बाल कटवाने से आर्थिक हानि, संतान कष्ट व ज्ञान क्षीणता होने के आसार होते हैं।
धार्मिक दृष्टिकोण से माना जाता है कि बृहस्पतिवार का दिन लक्ष्मी नारायण का है इसलिए कहते हैं कि इस दिन बाल कटवाने अथवा धोने से आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
ज्योतिष के अनुसार अविवाहितों के लिए गुरूवार को बाल धोना और कटवाना विवाह में बाधाएं उत्पन्न करता है। अमर सुहाग चाहने वाली सुहागन महिलाओं के लिए इस दिन बाल धोना अच्छा नहीं माना जाता है।
बृहस्पतिवार को बाल कटवाना ही नहीं शेविंग करवाना भी अच्छा नहीं होता। कहते हैं कि इससे उम्र छोटी होती है।
शनिवार, मंगलवार और गुरुवार के दिन बाल न कटवाने की मान्यता है की इन तीन दिनों में ग्रहों से कुछ विशिष्ट किरणों का संचार होता है। जो हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती हैं। मस्तिष्क मानवीय काया का अहम अंग है। मस्तिष्क सिर में होता है और सिर के बीच का भाग बहुत संवेदनशील और कोमल होता है। इसकी सुरक्षा करते हैं हमारे बाल।
शनिवार, मंगलवार और गुरुवार के दिनों में विशिष्ट किरणें बालों के सुरक्षा कवच के रूप में मस्तिष्क को कोई नुकसान नहीं पहुंचा पाती। जिससे की इन तीनों दिन बाल कटवाने से इन किरणों का सीधा प्रभाव हमारे सिर पर पड़ेगा। जिससे मस्तिष्क प्रभावित होगा। इसलिए इन तीनों दिनों में बालों को न कटवाने का विधान बनाया गया है।
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