Wednesday, 17 June 2015

कमीशनखोरी हमारा राष्ट्रीय गौरव हमारी पहचान हमारा दायित्व !
कौन देशद्रोही महामूर्ख कहता है कि कमीशनखोरी गलत है  ?
कमीशनखोरी हमारा नैतिक ,पारिवारिक ,सामाजिक तथा सब से ऊपर उठ कर राष्ट्रीय कर्तव्य है. बिना कमीशन कोई भी कार्य करना केवल अपराध ही नहीं बल्कि घोर राष्ट्रद्रोह है. कमीशनखोरी समाज में समानता की भावना का विकास करती है.कमीशन जहाँ देने वाले व्यक्ति के आत्मविश्वास में वृधि करता है वहीं लेने वाले के बैंक बैलेंस को बढाता है. दोनों के बीच मधुर सम्बन्ध बन जाते हैं.कमीशन उनके बीच पद की दूरी को पाटने के लिये सेतु का काम करता है. कमीशन लेने के बाद उच्च अधिकारी भी अत्यंत विनम्र हो जाता है.कमीशन वह मोहिनी विधा है जिस से किसी भी अधिकारी को वश में किया जा सकता है.कमीशन एक ऐसा ब्रह्मास्त्र है जो कठिन से कठिन कार्य को सरल बनाता है.कमीशन का देश के विकास में सीधा सम्बन्ध है.विकास कार्यों को जैसे पंख लग जाते हैं.कमीशन वह संजीवनी है जो सर्वथा निकृष्ट [कचरा] उत्पाद को भी सर्वौत्क्रष्ट बनाने की खमता रखती है.
भगवन जी हमारे अपने हैं हमारे राज़दार हैं .हम उन से कुछ भी नहीं छुपाते हैं.हमारी उनसे विनम्र प्रार्थना है :-
# समस्त देश में कमीशनखोरी बनी रहे .
# सभी कर्मचारी प्रसन रहें .
# सरकारी कार्यालयों की रौनक बनी रहे .
# बाबूराज कायम रहे .
# कमीशन का निर्बाध आदानप्रदान होता रहे .
# कमीशन देने वालों और लेने वालों के बीच मित्रता और आत्मीयता बनी रहे.
ताथास्तु ताथास्तु  ताथास्तु !

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