Monday, 15 June 2015

परिवारवाद के  नवीनतम स्वरुप पर हंगामा क्यों ?
# लोग भी कमाल करते हैं .हर बात पर हंगामा .अरे भाई कौन सी कयामत आ गई ,आसमान टूट पड़ा जो सुषमा जी ने अपने पद का सदुपयोग करके ललित मोदी जी को सहारा दिया थोड़ी सी सहायता करदी .बेचारे निर्दोष ललित जी कई वर्षों से कष्ट भोग रहे थे ,क्या किसी का दुखनिवरण पाप है ?जिस देश में हजारों करोड़ रुपयों का स्कैंडल साधारण परम्परा है वहां केवल और केवल ७०० करोड़ के अपराधी के पीछे क्यों हाथ धो कर पडे हो ?हम ने माना कि सुषमा जी की बेटी बंसुरी स्वराज मोदी की कानूनी सलाहकार है तथा उनके पति का भी उनके साथ मधुर सम्बन्ध हैं ,लेकिन क्या मंत्री पद पर आसीन होकर परिवार के सदस्यों के हित की अनदेखी करना कोई संविधानिक दायित्व है ?क्या अपने समय में सोनिया जी के दामाद के हित की अनदेखी की गई ?कल तक यदि कांग्रेसजन परिवारवाद निभा रहे थे और वही परम्परा यदि आज भाजपाजन निभा रहे हैं तो गलत क्या है ?
अब कई लोग सुषमा जी की बहन वंदना शर्मा का नाम भी इसी सन्दर्भ में ले रहे हैं जो हरियाणा चुनाव में हार   जाने के कारण मंत्री पद से वंचित रह गई .उनका अपना कद है अपनी पर्सनालिटी  है -तभी उसके चुनाव लडने पर सुषमा जी ने स्पष्ट किया था -"शादी के पश्चात अब वह मेरी बहन से अधिक किसी परिवार की सदस्या है ".हरियाणा में पहली बार संघ परिवार की सरकार बनी है तो क्या उनका कर्तव्य नहीं कि अपने लोगों को जनता की सेवा करने का अवसर प्रदान करें .हरियाणा सरकार ने वंदना शर्मा को हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन के सदस्य के रूप में संविधानिक पद पर आसीन किया है तो कौन सी अनहोनी घटना हो गई ?
आज कल फेंकने की परम्परा काफी लोकप्रिय हो गई है !




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