Saturday, 25 June 2016

गुमशुदा नेताओं को ज्ञापन :-
आज हम जम्मू वासी अपने को ठगा महसूस कर रहे हैं. चुनाव से पहले और आज आप लोगों की अभिव्यक्ति में कितना अंतर आगया है. और तो और आप लोगों की संवेदनशीलता का मापदण्ड कितना बदल गया है. आप लोगों की देशभक्ती और देश के प्रति समर्पण भाव भी आज प्रश्न सूचक बन कर रह गया है. पिछले दो वर्षों में आतंकवादी गतिविधियों में काफी उफान आया है, कशमीर प्रान्त में खुले आम ISIL और पाकिस्तान द्वारा निर्देशित और नियंत्रित आतंकवाद का समर्थन देखने को मिल रहा है. अकेले पिछले छह महीनों में 57 सुरक्षा कर्मी शहीद हे गये हैं जिस मे अकेले कल 10 सुरक्षा कर्मी वीरगति को प्राप्त हुए हैं. आतंकवाद के वटवृक्ष हुरियत के प्रति भी आप लोगों ने नरम रवैया अपना लिया है. कल तक आतंकवाद की इकादुका और तुलनात्मक रूप से छोटी घटनाओं पर आप सड़कों पर उतर आते थे. आप की देशभक्ति का उफान देखते ही बनता था और आज....
कुर्सी की खातिर आप लोगों ने दो निशान दो विधान को भी स्वीकृति दे डाली. इस स्वीकृति पर श्यामा प्रसाद मुखर्जी और प्रेम नाथ ड़ोगरा की आत्माओं को कितना कष्ट हुआ होगा?
आज महंगाई चरमसीमा पर है, खाद्यपदार्थों की कीमतें आकाश छू रही हैं. आप लोगों के राज्य में भी जम्मू प्रान्त के साथ अवहेलना और भेदभाव हो रहा है. कशमीर प्रान्त का वर्चस्व और सशक्त होगया है. नवीनतम बजट में जम्मू प्रान्त के हितों की अनदेखी की गई है. बिजली और पानी की आंखमिचोली से उपभोक्ता परेशान है. बेरोज़गारों और पाकिस्तान से उजड्ड कर आये लोगों के साथ कियेगये वादे रद्दी की टोकरी में ड़ाले गये हैं. 28 वर्षों से अपने ही देश में निर्वासित लाखों कशमीरी पण्डित अपने घर कशमीर प्रान्त में पुनर्वास का स्वप्ना संजोये बैठे हैं.
कुर्सी के मायाजाल ने आप के व्यक्तित्व में कायाकल्प कर दिया है. जनता जनार्दन की रोज़मरा की समस्याओं के प्रति आप की संवेदनशीलता को क्या होगया है? वह आक्रोश, वह हंगामा, वह प्रतिरोध, वह जनहित की भावना कहाँ लुप्त होगई है? वंशज राजनीति का विरोध करने वाले क्योंकर और कैसे वंशज राजनीति के पिच्छलगू बन कर रह गये हैं?
तुलनात्मक रूप से लगता है कि केवल कुछ महीनों में आप लोगों का रूपांतर होकर कांग्रिसीकरन होगया है.
आप का शुभ चिंतक,
निक्करधारी सिंह और अन्य संघ कार्यकर्ता.

No comments:

Post a Comment