Friday, 3 June 2016

विराट संघ परिवार के विराट प्रवचन !
7 जनवरी, 2015 को भाजपा सांसद साक्षी महाराज ने कहा, ‘‘धर्म की रक्षा करने के लिए हिन्दू महिलाओं को कम से कम 4 बच्चे पैदा करने चाहिएं।’’ 19 जनवरी को बद्रिकाश्रम के शंकराचार्य श्री वसुदेवानंद सरस्वती ने कहा, ‘‘प्रत्येक हिन्दू परिवार कम से कम 10 बच्चे पैदा करे।’’इसी दिन अयोध्या के एक धर्मगुरु कन्हैया दास बोले, ‘‘हम दो हमारे दो का नारा नहीं चलेगा। हर हिन्दू दम्पति के कम से कम 8 बच्चे हों।’’

2 फरवरी को भाजपा नेता साध्वी प्राची ने एक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा, ‘‘प्रत्येक हिन्दू 4 बच्चे पैदा करे, 40 पिल्ले नहीं।’’4 अप्रैल को विहिप के महासचिव चंपत राय ने कहा कि ‘‘हिन्दुओं को ज्यादा बच्चे पैदा करने होंगे, नहीं तो देश पर मुसलमानों का कब्जा हो जाएगा।’’ 7 सितम्बर को विश्व ‘हिदू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण तोगडिय़ा ने कहा,  ‘‘हम रोगों के कारण बच्चे पैदा करने में असमर्थ ‘हिदू का इलाज करवा कर उन्हें 4 बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे।’’

7 जनवरी, 2016 को काशी सुमेर पीठ के शंकराचार्य नरेंद्रानंद सरस्वती महाराज ने परिवार नियोजन का विरोध करते हुए कहा, ‘‘यदि परिवार नियोजन होता तो हम कृष्ण और बलराम की लीला नहीं देख पाते।’’ और अब 30 मई को उन्होंने हिन्दुओं को 10 बच्चे पैदा करने की सलाह देते हुए कहा है कि‘‘जहां-जहां हिन्दुओं की संख्या घटी, वहां-वहां आतंकवाद बढ़ा है। अत: परिवार नियोजन की बात करने वाला मूर्ख है।’’ 
 
‘‘यदि दशरथ परिवार नियोजन अपनाते तो भरत जैसा भाई कैसे मिलता? जो 800 आई.ए.एस.,1800 इंजीनियर और 5200 डाक्टर देशसेवा कर रहे हैं वे अपने मां-बाप की चौथी-पांचवीं संतान हैं। जिनकी 2 से अधिक संतानें हैं, वे उन्हें हमें दे दें। हम उन्हें भारतीय संस्कृति के वाहक बनाएंगे।’’भारतीय धर्म गुरुओं द्वारा अधिक बच्चे पैदा करने संबंधी बयानों की गूंज विदेशों में भी सुनाई देने लगी है और संयोग ही है कि 30 मई को ही तुर्की के राष्ट्रपति व स्वयं 4 बच्चों के पिता तैयप एरदोगन ने कहा,‘‘महिलाएं बच्चा पैदा करने के लिए ही होती हैं। 

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