Tuesday, 6 June 2017

मोदी विरोधी कहते हैं कि इसका कारण मीडिया द्वारा बनाई गई मोदी जी की छवि है। इस बात में कुछ सच है। आज देश का मीडिया जिस तरह मोदी जी के महिमामंडन में लगा है, वैसा शायद राजीव गांधी के पहले एक-दो  साल के बाद कभी नहीं हुआ। देश के मीडिया पर सरकार का जितना नियंत्रण है, उतना एमरजैंसी के बाद से कभी नहीं हुआ। मीडिया मोदी को पूजने में लगा है, उनकी हर कमी पर पर्दा डालने को तत्पर है और भाजपा के इशारे पर विपक्षी दलों के विरुद्ध अभियान चलाने में जुटा है। रॉबर्ट वाड्रा के कुकर्मों का पर्दाफाश करने को तत्पर है लेकिन बिड़ला, सहारा डायरी पर चुप्पी साध जाता है। कपिल मिश्रा के हर आरोप को उछालने को तत्पर है लेकिन व्यापमं घोटाले पर चुप है। इतना पालतू मीडिया शायद ही किसी प्रधानमंत्री को नसीब हुआ हो।

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