Friday, 27 March 2015

 यह स्थापित एवं प्रमाणित तथ्य है जो तथाकथित सर्वशक्तिमान भगवान अपने निवास की रक्षा नहीं कर सकता वह भला अपने अंध भक्तों की क्या रक्षा करेगा? सोमनाथ मंदिर पर जब मुहमद गज़नी ने आक्रमण किया,आंतकवादियों ने जब अक्षरधाम मंदिर,संकटमोचन मंदिर,रघुनाथ मंदिर आदि पर आक्रमण किया -भगवान का अस्तित्व या शक्ति कहीं भी नज़र नहीं आया.यह एक सामाजिक त्रासदी है जो भगवान अपनी या अपने घर की रक्षा करने में पूरी तरह सुरक्षाबल पर निर्भर है अक्ल के अंधे भक्त बेजान मूर्तियों से रक्षा की गुहार लगा रहे हैं.हज़ारों केदारनाथ यात्रियों ने भी अवश्य अपनी अन्तिम सांस तक जय केदारनाथ जय बमबोले दुहराया होगा परन्तु कोई आलोकिक शक्ति उन्हें बचाने प्रकट नहीं हुई.१९४७ में विभाजन के समय हिंदू मुस्लिम सिख एक दूसरे के हाथों गाजर मूली की तरह काटे जा रहे थे तो कोई भगवान,अल्लाह या वाहेगुरू या उन का कोई सन्देशवाहक उन्हें बचाने या समझाने नहीं आया.पाकिस्तान में आये दिन खुदा के बन्दे निमाज़ अदा करते हुए खुदा के घर (मस्जिद) में ही गोलियों या बम का शिकार होकर बेमौत मारे जाते हैं.सीरिया,ईराक,नाइजेरिया आदि देशों में लगभग रोज़ खून की नदियां बह रही हैं और बहने वाले लोग शतप्रतिशत आस्तिक हैं-वह दयालु कृपालु कहाँ है???

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