Saturday, 13 December 2014

यदा यदाही मोबाइलस्य
ग्लानिर्भवति सिग्नलः
'आउट ऑफ रीच' सूचनेन
त्वरित जागृत संशयाः ।
विच्छेदितं संपर्का: कलहं मात्र भविष्यति।
तस्मात 'चार्जिंग' एवं 'रिचार्जिंग' कुर्वंतु तव सत्वरं।
मनसोक्तम् 'चॅटिंगं'।
हास्यविनोदेन 'टेक्स्टिंगं'।
सत्वर सत्वर 'फाॅरवर्डिंगं'।
अखंडितं सेवाः प्रार्थयामि
'टच स्क्रीनं' नमस्तुभ्यं अंगुलीस्पर्शं क्षमस्वमे।
प्रसन्नाय इष्टमित्राणां अहोरात्रं मेसेजम् करिष्ये॥
इति श्री 'मोबाईल' स्तोत्रम् संपूर्णम् ।
ॐ शांति शांति शांति: ।।
॥शुभम् भवतु॥
रोज सुबह शाम इसका ३ बार जाप करें तो इंटरनेट की सर्विस अखंड बनी रहती है और आपका मोबाईल सदा निरोग अवस्था में रहता है। और हाँ भाइयो/ बहनों... संस्कृत का फ्युचर ब्राइट है.... थोड़ी बहुत सीख लोगे तो कृपा आएगी!!

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