जेठली ने महंगाई के लिए मानसून को जिम्मेदार क्या ठहराया, बिफर पड़े इंद्र देव !
देवलोक / नई दिल्ली
बारिश के देवता इंद्र ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर वित्त मंत्री अरुण जेटली के उस बयान पर गहरी निराशा जताई है जिसमें उन्होंने कहा था कि कमजोर मानसून के कारण देश में महंगाई बढ़ने की आशंका है।
इंद्र ने अपने पत्र, जिसकी प्रति फेकिंग न्यूज के पास भी है, में लिखा है कि धरती पर सदियों सेयह एक बहुत गलत परंपरा पड़ गई है कि किसी भी काम के लिए देवलोक में बैठे देवताओं को दोषी ठहरा दो।पिछले कुछ सालों से खासकर बारिश बरसाने से संबंधित मेरे कामकाज पर जो टिप्पणियां की गई हैं, वह काफी खेदजनक हैं। उन्होंने पूछा, महंगाई बढ़ने से लेकर केदारनाथ जैसे हादसों के लिए आखिर मैं कैसे जिम्मेदार हो गया? क्या धरती के लोगों का कोई जिम्मा नहीं बनता? सरकार का जिम्मा नहीं है?
उन्होंने आगे लिखा, “पिछली सरकारों से तो मुझे उम्मीद नहीं थी। लेकिन जब आपने सत्ता संभाली तो लगा कि अब कोई बहानेबाजी नहीं चलेगी। हमें लगा कि अब हमारे भी अच्छे दिन आ जाएंगे, लेकिन आपके मंत्री के बयान ने निराश कर दिया है।”
इंद्र देवता के इस पत्र पर प्रधानमंत्री की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि उन्होंने इस मामले को गंभीरता से लिया है।
उन्होंने सभी मंत्रियों से कहा है कि भविष्य में मानसून का उल्लेख करते समय भगवान इंद्र की भावनाअों का ख्याल जरूर रखें।
उधर शाम को उन्होंने टेलीफोन पर इंद्र से इस मामले में बात की। बातचीत क्या हुई, इसका खुलासा नहीं हुआ, लेकिन इंद्र भवन के सूत्रों के अनुसार भगवान इंद्र ने भारतीय पीएम के साथ बातचीत पर संतोष जताया है।
देवलोक / नई दिल्ली
बारिश के देवता इंद्र ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर वित्त मंत्री अरुण जेटली के उस बयान पर गहरी निराशा जताई है जिसमें उन्होंने कहा था कि कमजोर मानसून के कारण देश में महंगाई बढ़ने की आशंका है।
इंद्र ने अपने पत्र, जिसकी प्रति फेकिंग न्यूज के पास भी है, में लिखा है कि धरती पर सदियों सेयह एक बहुत गलत परंपरा पड़ गई है कि किसी भी काम के लिए देवलोक में बैठे देवताओं को दोषी ठहरा दो।पिछले कुछ सालों से खासकर बारिश बरसाने से संबंधित मेरे कामकाज पर जो टिप्पणियां की गई हैं, वह काफी खेदजनक हैं। उन्होंने पूछा, महंगाई बढ़ने से लेकर केदारनाथ जैसे हादसों के लिए आखिर मैं कैसे जिम्मेदार हो गया? क्या धरती के लोगों का कोई जिम्मा नहीं बनता? सरकार का जिम्मा नहीं है?
उन्होंने आगे लिखा, “पिछली सरकारों से तो मुझे उम्मीद नहीं थी। लेकिन जब आपने सत्ता संभाली तो लगा कि अब कोई बहानेबाजी नहीं चलेगी। हमें लगा कि अब हमारे भी अच्छे दिन आ जाएंगे, लेकिन आपके मंत्री के बयान ने निराश कर दिया है।”
इंद्र देवता के इस पत्र पर प्रधानमंत्री की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि उन्होंने इस मामले को गंभीरता से लिया है।
उन्होंने सभी मंत्रियों से कहा है कि भविष्य में मानसून का उल्लेख करते समय भगवान इंद्र की भावनाअों का ख्याल जरूर रखें।
उधर शाम को उन्होंने टेलीफोन पर इंद्र से इस मामले में बात की। बातचीत क्या हुई, इसका खुलासा नहीं हुआ, लेकिन इंद्र भवन के सूत्रों के अनुसार भगवान इंद्र ने भारतीय पीएम के साथ बातचीत पर संतोष जताया है।
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