मंगलवार का पाखंड एवं मंगलवार व्रत कथा !
हिन्दू धर्म अंधभक्तों के धार्मिक,आर्थिक तथा सामाजिक शोषण के लिए परजीवी ब्राह्मणों के पूर्वजों ने अपने वंश के सम्पूर्ण हित के लिए सप्ताह के सातों दिन व्रत कथाओं का ऐसा प्रपंच रच रखा है जिस के झाल से यजमान बाहर निकलने की कल्पना भी नहीं कर सकता है !यह व्रत कथाएँ अन्धविश्वास ,अकर्मण्यता एवं मानसिक दीवालियापन का ठोस आधार है !व्रत पालन धर्म अंधभक्तों के लिए सभी पापों से मुक्तिनिवारण ,जीवन पर्यन्त सुख शांति ,यश कीर्ति तथा मृत्यु पश्चात् स्वर्ग प्राप्ति की इन्शोरंस पालिसी है जिस के लिए भक्तजन येनकेन प्रकारेण कोई भी कीमत अदा करने को सदा तत्पर रहता है हालाँकि स्वर्ग नरक मोक्ष भवसागर ,वैतरणी आदि आदि यह सब मात्र कोरा कल्पना शास्त्र है !जब मृत्यु पश्चात् शरीर भस्म हो जाता है तो ऐसे पाखंड का भला क्या औचत्य है !
मंगलवार व्रत कथा के अनुसार एक मंगलभ्क्त निसंतान वृद्ध वेद प्राग नामक ब्राह्मण ने किसी दूसरे ब्राह्मण से कन्या ले कर उसका पालनपोषण किया ! कथा अनुसार पूर्व जन्म में उस कन्या ने मंगलवार के नियमपूर्वक व्रत किए तथा विधिवत मंगलवार व्रत कथा सूनी थी !इसी कारण उसके अंगों से सोना निकलता था !उस कन्या का सोमेश्वर से विवाह रचाया गया !चोरों ने उसके पति को मार दिया ! तब प्रथा अनुसार उसने अपने पति के साथ सती होना चाहा तो तथा कथित मंगलवार देवता ने प्रकट होकर उसे ऐसा करने से रोक कर उसके पति को अजर अमर होने का वरदान दे दिया !
भक्तजनों को मंगलवार का व्रत धारण करके , मंगलवार व्रत कथा का तोतारटंत सुनने सुनाने तथा परजीवी ब्राह्मणों के हाथों शोषण का शिकार होकर क्या असाधारण लाभ प्राप्त होता है यह भक्तजन ही बता सकते हैं !वैसे भी यथा राजा तथा प्रजा कहावत के अनुसार आजकल भारतीय भजन मंडली राज में हिन्दू राष्ट्र एजेंडा के अंतर्गत ऐसे पाखंड को खूब सरकारी समर्थन प्राप्त है !
हिन्दू धर्म अंधभक्तों के धार्मिक,आर्थिक तथा सामाजिक शोषण के लिए परजीवी ब्राह्मणों के पूर्वजों ने अपने वंश के सम्पूर्ण हित के लिए सप्ताह के सातों दिन व्रत कथाओं का ऐसा प्रपंच रच रखा है जिस के झाल से यजमान बाहर निकलने की कल्पना भी नहीं कर सकता है !यह व्रत कथाएँ अन्धविश्वास ,अकर्मण्यता एवं मानसिक दीवालियापन का ठोस आधार है !व्रत पालन धर्म अंधभक्तों के लिए सभी पापों से मुक्तिनिवारण ,जीवन पर्यन्त सुख शांति ,यश कीर्ति तथा मृत्यु पश्चात् स्वर्ग प्राप्ति की इन्शोरंस पालिसी है जिस के लिए भक्तजन येनकेन प्रकारेण कोई भी कीमत अदा करने को सदा तत्पर रहता है हालाँकि स्वर्ग नरक मोक्ष भवसागर ,वैतरणी आदि आदि यह सब मात्र कोरा कल्पना शास्त्र है !जब मृत्यु पश्चात् शरीर भस्म हो जाता है तो ऐसे पाखंड का भला क्या औचत्य है !
मंगलवार व्रत कथा के अनुसार एक मंगलभ्क्त निसंतान वृद्ध वेद प्राग नामक ब्राह्मण ने किसी दूसरे ब्राह्मण से कन्या ले कर उसका पालनपोषण किया ! कथा अनुसार पूर्व जन्म में उस कन्या ने मंगलवार के नियमपूर्वक व्रत किए तथा विधिवत मंगलवार व्रत कथा सूनी थी !इसी कारण उसके अंगों से सोना निकलता था !उस कन्या का सोमेश्वर से विवाह रचाया गया !चोरों ने उसके पति को मार दिया ! तब प्रथा अनुसार उसने अपने पति के साथ सती होना चाहा तो तथा कथित मंगलवार देवता ने प्रकट होकर उसे ऐसा करने से रोक कर उसके पति को अजर अमर होने का वरदान दे दिया !
भक्तजनों को मंगलवार का व्रत धारण करके , मंगलवार व्रत कथा का तोतारटंत सुनने सुनाने तथा परजीवी ब्राह्मणों के हाथों शोषण का शिकार होकर क्या असाधारण लाभ प्राप्त होता है यह भक्तजन ही बता सकते हैं !वैसे भी यथा राजा तथा प्रजा कहावत के अनुसार आजकल भारतीय भजन मंडली राज में हिन्दू राष्ट्र एजेंडा के अंतर्गत ऐसे पाखंड को खूब सरकारी समर्थन प्राप्त है !
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