व्यंग्य यथार्थ के आसपास !
हवाई बातें और स्वप्निल योजनाएँ परोसने में हमारे पावन देश के नेता और मार्गदर्शक अद्भुत और असाधारण हैं जिसे भक्तजन श्रधा और पूरण विश्वास के साथ स्वीकार कर लेतें हैं .जहाँ श्री ३ रविशंकर जी महाराज ने बिना किसी लागत [investment] के केवल और केवल सुदर्शन क्रिया की लच्छेदार शब्दावली के माध्यम से उच्च वर्गीय नोकरशाही तथा पूंजीपतियों के मानसिक और शारीरिक कष्ट मिटाने का दावा करते करते अपने को अरबपती की श्रेणी में खड़ा कर दिया वहीं भगवा परिवार के एक और नवरतन सेठ रामदेव ने भी केवल और केवल योग और प्राणायाम की लच्छेदार शब्दावली के माध्यम से पूरे विश्व के समस्त रोगों का निवारण -दावा करते करते अपने और अपने वाणिज्यिक साम्राज्य को अरबपती की श्रेणी में स्थापित कर लिया है और आजकल योग तथा प्राणायाम पर प्रवचन देने के बजाय अपने उत्पादों की मॉडलिंग करते नज़र आते हैं .इसे कहते हैं -आम के आम और गुठलियों के दाम .
२१वीं शताब्दी के एकमात्र विकास मसीहा ने तीन वर्ष पूर्व प्रत्येक नागरिक को १५-१५ लाख देने का हवाई फायर कर डाला -भक्तजन मारे खुशी के जयजयकार करते करते थक गए आंखें पथरा गई पर वादा केवल चुनावी जुमला साबित होके रहगया .अभी अपने नवीनतम प्रवचन में युग/विकास मसीहा ने कहा है -"मेरी अभिलाषा है की मेरे देश का गरीब हवाई चपल पहनकर हवाई जहाज़ में सफ़र करे. साधुवाक बेशक ! अब युग
मसीहा को कौन बताये की जो लोग रबर स्लीपर के आभाव में नंगे पैर चलते हैं ,गरीबी की रेखा से भी नीचे रहने पर विवश फूटपाथ और झोंपडियों में अपना जीवन गुजार रहे हैं वह भला कैसे उडान [उडे देश का आम नागरिक] योजना के अंतर्गत २५०० रुपया प्र/ति घंटा का किराया देने की बात सोच सकते हैं ?
नवम्बर २०१६ में जापान के साथ अहमदाबाद मुंबई बुलेट ट्रेन स्थापित करने का समझोता हो गया जिस का बजट देश के पूरे हेल्थ बजट से भी तिगुना होगा .उसके किराये की कल्पना भी आम नागरिक की सोच से परे है.
हमारा देश और हमारे देश के नागरिक महान हैं जो क्रियात्मक रूप से अपना जीवन सुधारने के लिए हनुमानचालीसा/लक्ष्मी यंत्र भी खरीदते हैं ,निर्मलबाबा की तीसरी आँख के चमत्कारिक उपाय भी अपनाते हैं और हवाई बातोँ /स्वप्निल योजनाओं पर भी असाधारण विश्वास व्यक्त करते हैं !
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हवाई बातें और स्वप्निल योजनाएँ परोसने में हमारे पावन देश के नेता और मार्गदर्शक अद्भुत और असाधारण हैं जिसे भक्तजन श्रधा और पूरण विश्वास के साथ स्वीकार कर लेतें हैं .जहाँ श्री ३ रविशंकर जी महाराज ने बिना किसी लागत [investment] के केवल और केवल सुदर्शन क्रिया की लच्छेदार शब्दावली के माध्यम से उच्च वर्गीय नोकरशाही तथा पूंजीपतियों के मानसिक और शारीरिक कष्ट मिटाने का दावा करते करते अपने को अरबपती की श्रेणी में खड़ा कर दिया वहीं भगवा परिवार के एक और नवरतन सेठ रामदेव ने भी केवल और केवल योग और प्राणायाम की लच्छेदार शब्दावली के माध्यम से पूरे विश्व के समस्त रोगों का निवारण -दावा करते करते अपने और अपने वाणिज्यिक साम्राज्य को अरबपती की श्रेणी में स्थापित कर लिया है और आजकल योग तथा प्राणायाम पर प्रवचन देने के बजाय अपने उत्पादों की मॉडलिंग करते नज़र आते हैं .इसे कहते हैं -आम के आम और गुठलियों के दाम .
२१वीं शताब्दी के एकमात्र विकास मसीहा ने तीन वर्ष पूर्व प्रत्येक नागरिक को १५-१५ लाख देने का हवाई फायर कर डाला -भक्तजन मारे खुशी के जयजयकार करते करते थक गए आंखें पथरा गई पर वादा केवल चुनावी जुमला साबित होके रहगया .अभी अपने नवीनतम प्रवचन में युग/विकास मसीहा ने कहा है -"मेरी अभिलाषा है की मेरे देश का गरीब हवाई चपल पहनकर हवाई जहाज़ में सफ़र करे. साधुवाक बेशक ! अब युग
मसीहा को कौन बताये की जो लोग रबर स्लीपर के आभाव में नंगे पैर चलते हैं ,गरीबी की रेखा से भी नीचे रहने पर विवश फूटपाथ और झोंपडियों में अपना जीवन गुजार रहे हैं वह भला कैसे उडान [उडे देश का आम नागरिक] योजना के अंतर्गत २५०० रुपया प्र/ति घंटा का किराया देने की बात सोच सकते हैं ?
नवम्बर २०१६ में जापान के साथ अहमदाबाद मुंबई बुलेट ट्रेन स्थापित करने का समझोता हो गया जिस का बजट देश के पूरे हेल्थ बजट से भी तिगुना होगा .उसके किराये की कल्पना भी आम नागरिक की सोच से परे है.
हमारा देश और हमारे देश के नागरिक महान हैं जो क्रियात्मक रूप से अपना जीवन सुधारने के लिए हनुमानचालीसा/लक्ष्मी यंत्र भी खरीदते हैं ,निर्मलबाबा की तीसरी आँख के चमत्कारिक उपाय भी अपनाते हैं और हवाई बातोँ /स्वप्निल योजनाओं पर भी असाधारण विश्वास व्यक्त करते हैं !
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