यह गौमाता ही है, जो ऑक्सिजन लेती भी है और छोड़ती भी है। ऐसा किसी वैज्ञानिक ने शोध करके नहीं बताया है बल्कि राजस्थान के एक मंत्री ने बरसों की घोर तपस्या के बाद यह राज जाना है। ज्ञान और भगवान दोनों ही शोध वगैरह से नहीं बल्कि तपस्या से मिला करते हैं। इससे बेचारे पीपल की यूनीक पहचान खत्म होने का खतरा पैदा हो गया है। पहले उसी के बारे में कहा जाता था कि वह अकेला पेड़ है जो दिन में भी और रात में भी ऑक्सिजन छोड़ता है। ऐसे लोग या तो विधर्मी हैं, म्लेच्छ हैं या विदेशी एजेंट हैं जो कहते हैं कि गाय की डकार से या उसके गोबर से मिथेन गैस निकलती है। बल्कि गाय के गोबर से तो नाभिकीय विकिरण तक को रोका जा सकता है।
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