Monday, 8 October 2018

नमस्ते, मैं गाँधी हूँ ;
जब गांधीजी मूर्ति से प्रकट हुए और आज के नेता से बात चीत की !
गाँधी :नमस्ते, मैं बापू हूँ !मैं यह जानने आया हूँ कि क्या आप लोग मेरा जन्मदिन मेरी विचाधारा के अनुसार एवं अनुरूप मना रहे हैं ?
आज का नेता :कौन बापू  ,किसका बापू ? 
गाँधी :मोहनदास करमचंद गाँधी ,राष्ट्रपिता !
आज का नेता :मोहनदास करमचंद ???वह तो मोहनलाल करमवीर ...नहीं ..मोहनचंद करम दास  ...?
गाँधी :नहीं ,वह मैं नहीं हूँ !
आज का नेता :आप मूर्ति से कैसे प्रकट हुए ?आप तो मूर्ति थे ?
गाँधी :नहीं ,मैं केवल मूर्ति नहीं हूँ , मैं कभी मानव रूप में था और अहिंसा जैसे मानवीय मूल्यों का प्रचारक था !क्या आप निजी और सामाजिक जीवन में अहिंसा पर विश्वास करते हैं ?
आज का नेता :शत प्रतिशत ,बापू !मैं उन सभी के विरुद्ध सशक्त कारवाही करता हूँ जो आप की विचारधारा का विरोध करते हैं !मैं उनकी पिटाई करता हूँ ,उन्हें गिरफ्तार करता हूँ ,उनपर पुलिस की सहायता से लाठीचार्ज तथा आंसूगैस का प्रयोग कराता हूँ !
गाँधी :मेरी दूसरी शिक्षा थी सत्य के लिए संघर्ष करना ,क्या आप सत्य जानने का प्रयास करते हैं ?
आज का नेता :सत्य ? अरे बापूजी ,सत्य के सम्बन्ध मैं आप का पूरा समर्थन करता हूँ ! मैं सत्य के प्रचार प्रसार के लिए सभी माध्यम का प्रयोग करता हूँ ,फेक न्यूज़ ,प्रचार -प्रसार, परिवर्तित [morphed] वीडियो ,फेक फोटो ...मैं सत्य के प्रचार प्रसार के लिए सभी माध्यम का प्रयोग करता हूँ !
गाँधी :सादा जीवन गुजारने बारे आप का क्या विचार है ?मेरी मृत्यु के समय मेरी सम्पति केवल ऐनक ,स्लीपर ,घडी,कुछ बर्तन तथा कुछ अन्य छोटी चीज़ों तक ही सीमित थी !
आज का नेता :बापूजी मैं भी सादा जीवन गुजारने पर विश्वास रखता हूँ !VIP श्रेणी का होने के कारण जब जब मैं यात्रा करता हूँ मुझे एअरपोर्ट पर  किसी प्रकार की सिक्यूरिटी समस्या का सामना नहीं करना पड़ता है ,क्योंकि ब्लैक कमांडो आम आदमी को मेरे पास फटकने नहीं देते ! मेरा जीवन सादगी की मिसाल है !
गाँधी :निराशाजनक भाव !मेरे खादी प्रयोग प्रचार प्रसार बारे आप का क्या विचार है ?क्या आप इसका अनुकरण करते हैं ?
आज का नेता : मैं खादी का पक्का अनुयायी हूँ !विभिन्न रंगों में खादी के बहुत सारे वस्त्र हैं मेरे पास -जैकेट ,शर्ट्स,कुर्ता वह भी विभिन्न स्टाइल और साइज़ में !
गाँधी :टोकते हुए ,रुको रुको ,मेरी जिज्ञासा यह न थी !मैंने गरीबों के लिए अपना जीवन समर्पित किया ! क्या आप ...?
आज का नेता : बापू ,मैं लगातार गरीबों की सेवा कर रहा हूँ और उसी के परिणामस्वरूप गरीब भी अमीर हो रहे और मैं भी अमीर हो रहा हूँ ! मेरा अमीर होना किसी चमत्कार से कम नहीं है !
गाँधी :निराशाजनक स्वर ! मेरा मूर्ती बने रहना ही ठीक है !
आज का नेता :उचित विचार है बापूजी !आप प्रतीकात्मक रूप से मूर्ति में ही बने रहें यही उचित रहेगा !और फिर यदि आप ने ऐसे प्रश्न पुनः पूछने का प्रयास किया तो मैं आप को देशद्रोही अर्बन नक्सलवादी घोषित कर दूंगा !
[टाइम्स ऑफ़ इंडिया में प्रकाशित ,सारिका घोष के व्यंग्यात्मक आलेख का हिंदी रूपांतरण ]

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