Monday, 20 February 2017

भोपाल। Whatsapp पर ऑटो करेक्शन की वजह से इन दिनों रोज नए-नए घपले हो रहे हैं। दो दिन पहले मप्र की शिवराज सिंह सरकार ने सरकारी स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने के लिए एक कार्यक्रम ‘मिल बांचे मप्र’ (Mil Banche MP) शुरू किया। इसमें खुद मुख्यमंत्री से लेकर कई मंत्री और अनेक आला अफसरों ने भाग लिया। कार्यक्रम को लेकर एक सीनियर अफसर ने मुख्यमंत्री को Whatsapp पर एक मैसेज किया जिसमें उन्होंने कार्यक्रम की जमकर तारीफ की। चमचागिरी करने के लिए उन्हें इससे बेहतर मौका नहीं लगा होगा। लेकिन ऑटो करेक्शन के कारण हर जगह ‘मिल बांचे’ बन गया ‘मिल बांटे’। पढ़ें वही वाट्सएप :
सर, आज पूरे प्रदेश में ‘मिल बांटे मप्र’ कार्यक्रम हुआ। ऐसा धांसू कार्यक्रम तो आपके दिमाग की ही देन हो सकता है। मंत्री से लेकर अफसर तक, कोई भी ‘मिल बांटे मप्र’ में पीछे नहीं रहा। मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि आगे भी हम सारे अधिकारी आपके और मंत्रियों के साथ ‘मिल बांटे मप्र’ में कंधे से कंधा मिलाकर साथ देंगे।
बच्चे ही कल का भविष्य है। ‘मिल बांटे मप्र’ से बच्चे भी जरूर प्रेरणा लेंगे। इससे उनमें भी कुछ कर गुजरने की इच्छा जाग्रत होगी। सर, मैं पूरे भरोसे के साथ कह रहा हूं कि इस ‘मिल बांटे मप्र’ में भी कहीं न कहीं भाभीजी का योगदान होगा ही। आप दोनों को सबके भविष्य की कितनी चिंता है और ‘मिल बांटे मप्र’ तो इसकी एक छोटी-सी मिसाल भर है।

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