How things have turned around! It was not that long ago — in 1997, to be precise — that a leading BJP ideologue was made to feel encouraged to launch a skillfully vicious attack on Baba Saheb. Arun Shourie, the rising star in the BJP’s firmament, had produced a book titled “Worshiping False Gods - Ambedkar, and the facts which have been erased”. With his characteristic brilliant acidic pen, Shourie “exposed” Ambedkar as undeserving of any honour, leave alone national veneration. He bemoaned bitingly: “Indeed, no one is idolised these days the way he is. His statue is one of the largest in the Parliament complex. His portrait in the Central Hall of Parliament is larger than life. The Bharat Ratna has been conferred on him posthumously, a national holiday has been decreed in his honour. Postage stamps have been issued in his honour. Universities have been named after him. His statues — dressed in garish blue, holding a copy of the Constitution — have been put up in city after city: it is a fair guess that by now they far outnumber those of Gandhiji. Politicians, activists and other notables flock to these on several anniversaries of his — on the anniversary of his birth, on the anniversary of the day on which he converted to Buddhism, on the anniversary of his parinirvana, the term which must compulsorily be used now for his death.”
After this breathtaking assault on Ambedkar’s iconic reputation, Shourie was rewarded with a Rajya Sabha seat from Uttar Pradesh. He was immediately inducted into the Vajpayee government and became the Prime Minister’s most favourite minister. That was the time when the BJP strategy of electoral mobilisation was predicated on an upper-caste consolidation. The party was still on a post-Babri Masjid demolition roll.
Friday, 15 April 2016
Wednesday, 13 April 2016
व्यंग्य;
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बाबा देवेन्द्र के साथ काल्पनिक इंटरव्यू के कुछ अंश !
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बाबा देवेन्द्र के साथ काल्पनिक इंटरव्यू के कुछ अंश !
आपको बाबा रामदेव से भी सहमत होना चाहिए। वे तो भारत माँ की जय के मुद्दे पर मार-काट मचाने के लिए तैयार हैं?
मैं उनसे सौ फ़ीसदी सहमत हूँ। मेरा भी मन यही करने का कर रहा है, क्योंकि इससे वीर शिवाजी की तरह प्रसिद्ध हो सकता हूँ। मैंने कल रात सपने में देखा था कि मैं शिवाजी की तरह अस्त्र-शस्त्र से लैस होकर घोड़े की सवारी करते हुए सैन्य अभियान पर निकला हुआ हूँ और जो भी भारत माता की जय नहीं बोल रहा उसे मौत के घाट उतार रहा हूँ।
मैं उनसे सौ फ़ीसदी सहमत हूँ। मेरा भी मन यही करने का कर रहा है, क्योंकि इससे वीर शिवाजी की तरह प्रसिद्ध हो सकता हूँ। मैंने कल रात सपने में देखा था कि मैं शिवाजी की तरह अस्त्र-शस्त्र से लैस होकर घोड़े की सवारी करते हुए सैन्य अभियान पर निकला हुआ हूँ और जो भी भारत माता की जय नहीं बोल रहा उसे मौत के घाट उतार रहा हूँ।
लेकिन ये तो संविधान के विरुद्ध होगा, क़ानून की नज़र में ये बहुत बड़ा गुनाह है, हत्याएँ हैं और इसकी कड़ी सज़ाएँ भी हैं?
आप ठीक कहते हैं। इसीलिए मैंने सोचा है कि पहले मैं रामदेव के साथ मिलकर संविधान को बदलने का अभियान चलाऊंगा, उसके बाद घोड़े पर सवार होकर और हाथों में तलवार लेकर निकलूंगा। वैसे आप तो जानते ही हैं कि ये संघ परिवार का अजेंडा भी है। बिना संविधान बदले हिंदू राष्ट्र नहीं बन सकता।
आप ठीक कहते हैं। इसीलिए मैंने सोचा है कि पहले मैं रामदेव के साथ मिलकर संविधान को बदलने का अभियान चलाऊंगा, उसके बाद घोड़े पर सवार होकर और हाथों में तलवार लेकर निकलूंगा। वैसे आप तो जानते ही हैं कि ये संघ परिवार का अजेंडा भी है। बिना संविधान बदले हिंदू राष्ट्र नहीं बन सकता।
ये बताइए कि संविधान में आप क्या-क्या बदलना चाहते हैं?
ये तो आपने बहुत बड़ा सवाल कर दिया। इसका बहुत लंबा जवाब होगा, क्योंकि एक-एक संविधान में आमूल-चूल बदलाव की ज़रूरत है। लेकिन संक्षेप में यही कह सकता हूँ कि संविधान का चरित्र ऐसा होना चाहिए जिसमें हिंदुओं के रीति-रिवाज़ों के हिसाब से देश चले और दूसरे धर्मों के लोग हमारी बातों को मानने के लिए बाध्य हों। ये आरक्षण-फारक्षण तो बिल्कुल नहीं चलेगा। जाति व्यवस्था को संवैधानिक वैधता प्रदान की जाएगी। मौलिक अधिकारों के नाम पर बहुत सारे अनाप-शनाप अधिकार लोगों को दे दिए गए हैं जिनको हटाना होगा। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को भी कुछ सीमित जातियों के लिए रखना होगा, ताकि छोटी जातियाँ और विधर्मी लोग हमारे विरुद्ध न बोल सकें। और हाँ, कम्युनिस्टों को तो पूरी तरह से देश के बाहर खदेड़ देना चाहिए, क्योंकि वे लोग हमारी सुनते नहीं, ऊपर से हमारी खिल्ली उड़ाते रहते हैं।
ये तो आपने बहुत बड़ा सवाल कर दिया। इसका बहुत लंबा जवाब होगा, क्योंकि एक-एक संविधान में आमूल-चूल बदलाव की ज़रूरत है। लेकिन संक्षेप में यही कह सकता हूँ कि संविधान का चरित्र ऐसा होना चाहिए जिसमें हिंदुओं के रीति-रिवाज़ों के हिसाब से देश चले और दूसरे धर्मों के लोग हमारी बातों को मानने के लिए बाध्य हों। ये आरक्षण-फारक्षण तो बिल्कुल नहीं चलेगा। जाति व्यवस्था को संवैधानिक वैधता प्रदान की जाएगी। मौलिक अधिकारों के नाम पर बहुत सारे अनाप-शनाप अधिकार लोगों को दे दिए गए हैं जिनको हटाना होगा। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को भी कुछ सीमित जातियों के लिए रखना होगा, ताकि छोटी जातियाँ और विधर्मी लोग हमारे विरुद्ध न बोल सकें। और हाँ, कम्युनिस्टों को तो पूरी तरह से देश के बाहर खदेड़ देना चाहिए, क्योंकि वे लोग हमारी सुनते नहीं, ऊपर से हमारी खिल्ली उड़ाते रहते हैं।
लेकिन ये तो बहुत मुश्किल काम है। इतने सारे परिवर्तनों के लिए दो तिहाई बहुमत चाहिए होगा, जो कि आपके पास है नहीं?
उसके लिए भी हमने कुछ योजनाएँ बनाई हैं। पहली योजना तो यही है कि ख़ौफ़ का ऐसा माहौल बना दो कि जो भी हमारे कामों का विरोध करे वह ग़द्दार घोषित कर दिया जाए। इससे जो लोग अभी विरोध कर रहे हैं, हमारे साथ आ जाएंगे।
उसके लिए भी हमने कुछ योजनाएँ बनाई हैं। पहली योजना तो यही है कि ख़ौफ़ का ऐसा माहौल बना दो कि जो भी हमारे कामों का विरोध करे वह ग़द्दार घोषित कर दिया जाए। इससे जो लोग अभी विरोध कर रहे हैं, हमारे साथ आ जाएंगे।
और ऐसा माहौल बनाने के लिए भी आपके पास कोई योजना है?
हाँ है न। मैंने तय किया है कि अगर सत्ता की क़ुर्बानी देनी पड़ी तो रामदेव समेत तमाम साधु-संतों को लेकर एक भारत माता सेना बनाऊंगा और उसे शस्त्र संचालन की ट्रेनिंग देकर चारों दिशाओं में माहौल बनाने के लिए भेज दूंगा। मुझे उम्मीद है कि मोदी और शाह जी की कृपा से हम ऐसा करने में कामयाब होंगे।[आभार :नवभारत टाइम्स ].
हाँ है न। मैंने तय किया है कि अगर सत्ता की क़ुर्बानी देनी पड़ी तो रामदेव समेत तमाम साधु-संतों को लेकर एक भारत माता सेना बनाऊंगा और उसे शस्त्र संचालन की ट्रेनिंग देकर चारों दिशाओं में माहौल बनाने के लिए भेज दूंगा। मुझे उम्मीद है कि मोदी और शाह जी की कृपा से हम ऐसा करने में कामयाब होंगे।[आभार :नवभारत टाइम्स ].
Saturday, 9 April 2016
व्यंग्य,
चिकन सम्प्रदाय की गुहार :-
चिकन सम्प्रदाय ने जन हित याचना (PIL)द्वारा पशु पक्षी अधिकार आयोग से गुहार लगाई है कि हिंदुओं के एक वर्ग द्वारा नवरात्रों में उन के विरुद्ध घृणा, तिरस्कार, पूर्वग्रह और जातिगत भेदभाव की भावना का तर्कहीन प्रदर्शन किया जाता है जो निंदनीय है. जब वर्ष के 356 दिन उन के प्रति अथाह प्रेमभाव के परिणामस्वरूप डाईनिंग टेबल पर समुचित मान सम्मान दिया जाता है तो दोहरे मापदण्ड (हिपोक्रेसी )के प्रतीक के रूप में उन की सम्पूर्ण जाति का नवरात्रों में तिरस्कार और अपमान क्योंकर किया जाता है. एक प्रेस विज्ञप्ति में चिकन समाज ने नास्तिक समाज की भरपूर प्रशंसा और आभार व्यक्त किया है जो बिना किसी पूर्वग्रह और भेदभाव के वर्ष के 365 दिन उन्हें अपने किचन और डाईनिंग टेबल पर पूरा मान सम्मान देते हैं.
चिकन सम्प्रदाय की गुहार :-
चिकन सम्प्रदाय ने जन हित याचना (PIL)द्वारा पशु पक्षी अधिकार आयोग से गुहार लगाई है कि हिंदुओं के एक वर्ग द्वारा नवरात्रों में उन के विरुद्ध घृणा, तिरस्कार, पूर्वग्रह और जातिगत भेदभाव की भावना का तर्कहीन प्रदर्शन किया जाता है जो निंदनीय है. जब वर्ष के 356 दिन उन के प्रति अथाह प्रेमभाव के परिणामस्वरूप डाईनिंग टेबल पर समुचित मान सम्मान दिया जाता है तो दोहरे मापदण्ड (हिपोक्रेसी )के प्रतीक के रूप में उन की सम्पूर्ण जाति का नवरात्रों में तिरस्कार और अपमान क्योंकर किया जाता है. एक प्रेस विज्ञप्ति में चिकन समाज ने नास्तिक समाज की भरपूर प्रशंसा और आभार व्यक्त किया है जो बिना किसी पूर्वग्रह और भेदभाव के वर्ष के 365 दिन उन्हें अपने किचन और डाईनिंग टेबल पर पूरा मान सम्मान देते हैं.
Friday, 8 April 2016
Chhattisgarh BJP Minister threatens to 'break the jaws' of those not willing to chant 'Bharat Mata Ki Jai'[Press trust of India news].
एक सचे राष्ट्र भक्त का दूसरे राष्ट्र भक्त को रोष पत्र;
आदरनीय बृजमोहन अगरवाल जी ;
वरिष्ट मंत्री ,छत्तीसगढ़ सरकार;
छत्तीसगढ़.
जय हिन्दू राष्ट्र ,
यह चन्द शब्द मैं आहत राष्ट्रीय भावनाओं के साथ और खेद के साथ लिख रहा हूँ .प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार आप ने बुधवार को हमारे आशाओं के उज्वल प्रतीक भारतीय जनता पार्टी के ३६वें स्थापना दिवस के अवसर पर देश द्रोही /हिन्दुत्व विरोधी /राष्ट्र विरोधी को ललकारते हुए उनको चेतावनी दी कि यदि वह भारत माता की जय जय कार नहीं करेंगे तो हम उनका जबड़ा तोड़ डालेंगे. आप का बयान पढ़कर यहाँ पूरे संघ परिवार का सर लज्जा और आत्मग्लानी से झुक गया .आप की सोच ,आपके विवेक और वर्षों शाखागत ट्रेनिंग को क्या होगया ?जहाँ एक ओर हमारे परिवार के महानवरत्न और हमारे आँखों के तारे ,परम आदरणीय प्रातः स्मरणीय हिन्दू गौरव के प्रतीक बाबा रामदेवजी देश द्रोही /हिंदुत्व विरोधी/ राष्ट्रविरोधी तत्वों का गला काटकर उन्हें नरक में भेजने का आवाहन कर रहे हैं वहीं आप केवल जबड़ा तोडने की सज़ा सुना रहे हैं .आपकी इस घोषणा से स्वर्ग में विराजमान प्रभु की संगत में शोभायमान नाथूराम गोडसे जी की आत्मा को कितना कष्ट होरहा होगा ?लज्जा आनी चाहे आप को .क्या हिन्दू राष्ट्र और विश्व हिन्दू वर्चस्व की स्थापना ऐसी कायरता और शत्रु के प्रति ऐसी दया के साथ हो सकती है ?हमें आप से ढेर सारी आशाएँ हैं . आप पर विराट् परिवार का विराट् उतरदायित्व है. हमारा विनम्र निवेदन है ,कृपया भविष्य में ऐसी कायरता का प्रदर्शन न करें. शेर बन कर शत्रु का नाश करें.
भारत माता की जय .
आप का शुभ चिन्तक ,
भक्त संघ सेवक .
(व्यंग्यात्मक प्रस्तुति )
आदरनीय बृजमोहन अगरवाल जी ;
वरिष्ट मंत्री ,छत्तीसगढ़ सरकार;
छत्तीसगढ़.
जय हिन्दू राष्ट्र ,
यह चन्द शब्द मैं आहत राष्ट्रीय भावनाओं के साथ और खेद के साथ लिख रहा हूँ .प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार आप ने बुधवार को हमारे आशाओं के उज्वल प्रतीक भारतीय जनता पार्टी के ३६वें स्थापना दिवस के अवसर पर देश द्रोही /हिन्दुत्व विरोधी /राष्ट्र विरोधी को ललकारते हुए उनको चेतावनी दी कि यदि वह भारत माता की जय जय कार नहीं करेंगे तो हम उनका जबड़ा तोड़ डालेंगे. आप का बयान पढ़कर यहाँ पूरे संघ परिवार का सर लज्जा और आत्मग्लानी से झुक गया .आप की सोच ,आपके विवेक और वर्षों शाखागत ट्रेनिंग को क्या होगया ?जहाँ एक ओर हमारे परिवार के महानवरत्न और हमारे आँखों के तारे ,परम आदरणीय प्रातः स्मरणीय हिन्दू गौरव के प्रतीक बाबा रामदेवजी देश द्रोही /हिंदुत्व विरोधी/ राष्ट्रविरोधी तत्वों का गला काटकर उन्हें नरक में भेजने का आवाहन कर रहे हैं वहीं आप केवल जबड़ा तोडने की सज़ा सुना रहे हैं .आपकी इस घोषणा से स्वर्ग में विराजमान प्रभु की संगत में शोभायमान नाथूराम गोडसे जी की आत्मा को कितना कष्ट होरहा होगा ?लज्जा आनी चाहे आप को .क्या हिन्दू राष्ट्र और विश्व हिन्दू वर्चस्व की स्थापना ऐसी कायरता और शत्रु के प्रति ऐसी दया के साथ हो सकती है ?हमें आप से ढेर सारी आशाएँ हैं . आप पर विराट् परिवार का विराट् उतरदायित्व है. हमारा विनम्र निवेदन है ,कृपया भविष्य में ऐसी कायरता का प्रदर्शन न करें. शेर बन कर शत्रु का नाश करें.
भारत माता की जय .
आप का शुभ चिन्तक ,
भक्त संघ सेवक .
(व्यंग्यात्मक प्रस्तुति )
Wednesday, 6 April 2016
कट्टर हिन्दुत्व मानसिकता प्रजातंत्र के लिए चुनौती.
पिछले कुछ समय से हिन्दुत्व लाबी ने ढेर सारे लोगों को देश द्रोही घोषित किया है और आज भी यह क्रम जारी है. त्रासदी यह है कि संविधानिक संस्थानों को इस असंविधानिक मिशन के लिए खुले आम प्रयोग किया जा रहा है. ऐसा लगता है आर एस एस के निर्देशन और नियंत्रण में कार्यरत यह ग्रुप यह मान कर चल रहा है कि केवल केंद्र में सत्ता प्राप्त करने मात्र से यह देश हिंदू राष्ट्र बन चुका है. विश्व हिंदू परिषद दिवंगत प्रधान अशोक सिंघल ने कहा था कि मुगल और अंग्रेज़ों के लम्बे शासन के बाद मोदी सरकार पहली हिंदूवादी सरकार है जो इस कट्टर मानसिकता का प्रतीक है. क्या मान लिया जाये कि बिना किसी संविधानिक संशोधन के हमारा देश भाजपा के नेतृत्व में हिंदू राष्ट्र बनने के पथ पर अग्रसर है? जो लोग प्रजातन्त्र, धर्म निरपेक्षता तथा विचारों की स्वतंत्र अभिव्यक्ति के महत्व और अर्थ को समझते हैं जानते हैं उन सब के लिए यह स्थिति चिंता और गहन चिंतन का गम्भीर विषय है. भारत के एक राष्ट्र के रूप में अस्तित्व का संगठित आधार इस की सामाजिक विविधता है. आज एक धर्म विशेष, जाति विशेष, धर्म प्रेरित सामाजिक नियम, राजनीति विशेष के वर्चस्व को सरकारी प्रोत्साहन मिल रहा है और जो लोग प्रजातान्त्रिक अधिकार के अंतर्गत इस एजंडा से असहमत होकर विरोध प्रकट करते हैं उन सब की राष्ट्रभक्ति पर प्रशन चिन्ह लगाकर उन्हें देशद्रोही परिभाषित किया जा रहा है. काश संघ परिवार धर्म प्रेरित राजनीति के घातक दुष्परिणाम का वीभत्स रूप पड़ोसी देश पाकिस्तान की धरती से देख पाता. धर्म का वर्चस्व तोड़ता है जोड़ता नहीं.
पिछले कुछ समय से हिन्दुत्व लाबी ने ढेर सारे लोगों को देश द्रोही घोषित किया है और आज भी यह क्रम जारी है. त्रासदी यह है कि संविधानिक संस्थानों को इस असंविधानिक मिशन के लिए खुले आम प्रयोग किया जा रहा है. ऐसा लगता है आर एस एस के निर्देशन और नियंत्रण में कार्यरत यह ग्रुप यह मान कर चल रहा है कि केवल केंद्र में सत्ता प्राप्त करने मात्र से यह देश हिंदू राष्ट्र बन चुका है. विश्व हिंदू परिषद दिवंगत प्रधान अशोक सिंघल ने कहा था कि मुगल और अंग्रेज़ों के लम्बे शासन के बाद मोदी सरकार पहली हिंदूवादी सरकार है जो इस कट्टर मानसिकता का प्रतीक है. क्या मान लिया जाये कि बिना किसी संविधानिक संशोधन के हमारा देश भाजपा के नेतृत्व में हिंदू राष्ट्र बनने के पथ पर अग्रसर है? जो लोग प्रजातन्त्र, धर्म निरपेक्षता तथा विचारों की स्वतंत्र अभिव्यक्ति के महत्व और अर्थ को समझते हैं जानते हैं उन सब के लिए यह स्थिति चिंता और गहन चिंतन का गम्भीर विषय है. भारत के एक राष्ट्र के रूप में अस्तित्व का संगठित आधार इस की सामाजिक विविधता है. आज एक धर्म विशेष, जाति विशेष, धर्म प्रेरित सामाजिक नियम, राजनीति विशेष के वर्चस्व को सरकारी प्रोत्साहन मिल रहा है और जो लोग प्रजातान्त्रिक अधिकार के अंतर्गत इस एजंडा से असहमत होकर विरोध प्रकट करते हैं उन सब की राष्ट्रभक्ति पर प्रशन चिन्ह लगाकर उन्हें देशद्रोही परिभाषित किया जा रहा है. काश संघ परिवार धर्म प्रेरित राजनीति के घातक दुष्परिणाम का वीभत्स रूप पड़ोसी देश पाकिस्तान की धरती से देख पाता. धर्म का वर्चस्व तोड़ता है जोड़ता नहीं.
Tuesday, 5 April 2016
ASSAULT ON SCIENCE AND HISTORY !
What the sangh parivar forces propagate is substituting "belief"in place of evidence.Myths and fantasy then become the "real"past, based exclusively on belief.This is what the current Head of the Indian council of Historical research [ICHR], Y S Rao advocates-that only Vedas,Ramayan,Mahabharat should be exclusively used as evidence and all other evidence of linguistics,archaeology and other texts are to be disregarded , if they contradict these divine texts.
For a scientific understanding of History,it is an exercise of carefully sifting through evidence,building coherent narrative of how people lived and how society developed.Text-written or oral must be validated by other evidence.History is as such a subject of scientific enquiry as any other discipline.It is not glorification of the mythological past but a critical examination of all the developments-negative as well as positive.This is anathema to a Dinanath Batra or a Y S Rao [both blue eyed boys of sangh parivar]-in whose scheme of things,reason has no purpose unless it endorses belief. And belief is only for the glory of a mythological Hindu past.Nothing else matters.
What the sangh parivar forces propagate is substituting "belief"in place of evidence.Myths and fantasy then become the "real"past, based exclusively on belief.This is what the current Head of the Indian council of Historical research [ICHR], Y S Rao advocates-that only Vedas,Ramayan,Mahabharat should be exclusively used as evidence and all other evidence of linguistics,archaeology and other texts are to be disregarded , if they contradict these divine texts.
For a scientific understanding of History,it is an exercise of carefully sifting through evidence,building coherent narrative of how people lived and how society developed.Text-written or oral must be validated by other evidence.History is as such a subject of scientific enquiry as any other discipline.It is not glorification of the mythological past but a critical examination of all the developments-negative as well as positive.This is anathema to a Dinanath Batra or a Y S Rao [both blue eyed boys of sangh parivar]-in whose scheme of things,reason has no purpose unless it endorses belief. And belief is only for the glory of a mythological Hindu past.Nothing else matters.
अप्रैल के पहले सप्ताह के संभावित समाचार !एक अप्रैल से सात अप्रैल तक.
#विदेशी काले धन के देश में आने के फलस्वरूप प्रत्येक नागरिक के अकाउंट में १५-१५ लाख रुपया डिपाजिट.
#मोदी जी मन की बात के स्थान पर वीकली प्रेस कांफ्रेंस करेंगे जिस में न तो पूर्व निर्धारित प्रशन होंगे और सभी पत्रकारों को बुलाया जायेगा .
#भूतपूर्व प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह सोनियाजी की अनुमति के बिना आकाशवाणी से प्रति सप्ताह मन की बात प्रस्तुत करेंगे .
#सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी ने अपने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया है और अब प्रधान और उपप्रधान पद के लिए चुनाव होगा.
#भाजपा सरकार भविष्य में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के नीति निर्देशन से मुक्त होकर सरकार चलायेगी.
#जम्मू कश्मीर में पीडीपी का हर सदस्य प्रतिदिन ११ बार भारत माता की जय का नारा लगाएगा और अफज़ल गुरु को देशद्रोही घोषित किया जायेगा.
#पंजाब में अकालीदल ,उत्तरप्रदेश में समाजवादी पार्टी,महाराष्ट्र में ठाकरे परिवार,जम्मू कश्मीर में अब्दुल्लाह परिवार और मुफ़्ती परिवार,हरयाणा में चोटाला परिवार -सभी परिवारवाद के विरुद्ध संघर्ष करेंगे.
#राममंदिर बाबरी मस्जिद विवाद सर्वसम्मति से निपटा लिया गया है और अब वहां अनाथालय और नवीन टेक्नोलॉजी से परिपूर्ण ५०० बेड हॉस्पिटल की स्थापना होगी.
#जयललिता और मायावती ने अपनी सम्पूर्ण सम्पति दान कर दी है.
#ओवैसी,तोगड़िया,आदित्यनाथ ह्रदय परिवर्तन के फलस्वरूप कट्टरपंथी साम्प्रदायिकता त्याग कर मानवतावादी प्रगतिशील विचारक बनगए हैं.
#विदेशी काले धन के देश में आने के फलस्वरूप प्रत्येक नागरिक के अकाउंट में १५-१५ लाख रुपया डिपाजिट.
#मोदी जी मन की बात के स्थान पर वीकली प्रेस कांफ्रेंस करेंगे जिस में न तो पूर्व निर्धारित प्रशन होंगे और सभी पत्रकारों को बुलाया जायेगा .
#भूतपूर्व प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह सोनियाजी की अनुमति के बिना आकाशवाणी से प्रति सप्ताह मन की बात प्रस्तुत करेंगे .
#सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी ने अपने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया है और अब प्रधान और उपप्रधान पद के लिए चुनाव होगा.
#भाजपा सरकार भविष्य में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के नीति निर्देशन से मुक्त होकर सरकार चलायेगी.
#जम्मू कश्मीर में पीडीपी का हर सदस्य प्रतिदिन ११ बार भारत माता की जय का नारा लगाएगा और अफज़ल गुरु को देशद्रोही घोषित किया जायेगा.
#पंजाब में अकालीदल ,उत्तरप्रदेश में समाजवादी पार्टी,महाराष्ट्र में ठाकरे परिवार,जम्मू कश्मीर में अब्दुल्लाह परिवार और मुफ़्ती परिवार,हरयाणा में चोटाला परिवार -सभी परिवारवाद के विरुद्ध संघर्ष करेंगे.
#राममंदिर बाबरी मस्जिद विवाद सर्वसम्मति से निपटा लिया गया है और अब वहां अनाथालय और नवीन टेक्नोलॉजी से परिपूर्ण ५०० बेड हॉस्पिटल की स्थापना होगी.
#जयललिता और मायावती ने अपनी सम्पूर्ण सम्पति दान कर दी है.
#ओवैसी,तोगड़िया,आदित्यनाथ ह्रदय परिवर्तन के फलस्वरूप कट्टरपंथी साम्प्रदायिकता त्याग कर मानवतावादी प्रगतिशील विचारक बनगए हैं.
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